जगदीश ठाकोर ने दिया सवा सौ सीट का लक्ष्य, चुनाव की घोषणा से पहले तय होंगे सौ नाम
गुजरात कांग्रेस कार्यालय पर चली मैराथन बैठक में प्रभारी रघु शर्मा अध्यक्ष जगदीश ठाकुर नेता विपक्ष सुखराम राठवा कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पूर्व अध्यक्ष प्रदेश पदाधिकारी एवं कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। प्रदेश अध्यक्ष ने आगामी चुनाव के लिए 182 में से 125 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद अब पार्टी ने सभी नेताओं को एकजुट करने के साथ आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 125 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। करीब 100 सीटों पर कांग्रेस चुनाव की घोषणा से पहले ही उम्मीदवार तय करेगी। गुजरात कांग्रेस प्रदेश प्रभारी, अध्यक्ष एवं विधानसभा में नेता विपक्ष के पद पर क्रमशः रघु शर्मा, जगदीश ठाकोर, सुखराम राठवा की नियुक्ति के बाद बीते 3 दिन से पार्टी नेताओं का लगातार बैठक का दौर चला।
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के तुरंत बाद पार्टी प्रभारी रघु शर्मा ने गांधीनगर में नेता विपक्ष परेश धनाणी के सरकारी आवास पर डिनर का कार्यक्रम रखा था ताकि सभी नेताओं को एक छत तले लाया जा सके। इसके बाद ठाकोर के पदभार ग्रहण समारोह में भी सभी नेताओं को बुलाया गया और पार्टी का शक्ति प्रदर्शन भी किया गया। नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की अगली रणनीति का इंतजार था जिसे खत्म करते हुए नए प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने पार्टी को सवा सौ सीट जीतने का लक्ष्य दिया है।
पिछले तीन दिनों से गुजरात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर चली मैराथन बैठक में प्रभारी रघु शर्मा, अध्यक्ष जगदीश ठाकुर नेता विपक्ष सुखराम राठवा कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल पूर्व अध्यक्ष प्रदेश पदाधिकारी एवं कई वरिष्ठ नेताओं ने शिरकत की। प्रदेश अध्यक्ष ने नेताओं से चर्चा के बाद आगामी चुनाव के लिए विधानसभा की 182 में से 125 सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। विधानसभा चुनाव की रणनीति के तहत लगातार जिन सीटों पर कांग्रेस हार रही है उनके उम्मीदवार जल्द घोषित कर दिए जाएंगे।
माना जा रहा है कि कांग्रेस में विधानसभा चुनाव घोषित होने से पहले ही करीब एक सौ उम्मीदवार के नाम तय कर उनको बता दिया जाएगा। युवाओं एवं महिला उम्मीदवारों पर कांग्रेस का फोकस रहेगा। पार्टी दल बदलू तथा स्वार्थी किस्म के नेताओं से दूरी बनाकर रखेगी। पूर्व में हुए विधानसभा व राज्यसभा के चुनाव में कांग्रेस आलाकमान का अनुभव अच्छा नहीं रहा पार्टी के कई विधायकों ने दल बदल कर सत्ताधारी भाजपा का दामन थाम लिया था।
कांग्रेस अपने बागी एवं दल बदलने वाले नेताओं को भी ध्यान में रखकर रणनीति बनाएगी। कांग्रेस इनमें से एक भी नेता को विधानसभा का चुनाव जीतने नहीं देना चाहती, पार्टी ने इसकी रणनीति के लिए एक अलग ग्रुप तैयार किया है। मीडिया तथा इंटरनेट मीडिया को लेकर पार्टी अभी किसी रणनीतिक मोड पर नहीं पहुंची है। वैसे संगठन, इंटरनेट मीडिया तथा बेक टू बेक कार्यक्रम व जनसंपर्क में भाजपा राज्य में कांग्रेस से काफी आगे निकल चुकी है।