गुजरात में कोरोना विस्फोट: 24 घंटे में 21000 नए मामले, 12 संक्रमितों की मौत
Gujarat Coronavirus Update गुजरात में कोरोना संक्रमण के 21 हजार नए मामले सामने आए हैं और 12 संक्रमितों की मौत दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा मामले अहमदाबाद से सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने लोगों से कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने की अपील की है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोरोना विस्फोट हो गया। राज्य में करीब 21000 नए केस सामने आए। नए मामलों को देखते हुए यहां के विभिन्न शहरों में स्पेशल कोविड-19 केयर सेंटर वापस शुरू कर दिए गए। कोरोना संक्रमण के कारण 24 घंटे में 12 लोगों की मौत दर्ज की गई है। स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कोरोना गाइडलाइन का पालन करने के लिए सभी राजनीतिक दल स्वयंसेवी संस्था तथा धार्मिक संगठनों से भी अपील की है। गुजरात में कोरोना के 20 हजार 966 और नए केस दर्ज किए गए हैं। अकेले अहमदाबाद में पिछले 24 घंटे में 8529 केस दर्ज किए गए जबकि सूरत में कोरोना संक्रमित का आंकड़ा 3974, वडोदरा में 2252, राजकोट में 1386, गांधीनगर में 624, भावनगर 570, जामनगर में 335, जूनागढ़ 114 मरीज दर्ज किए गए।
खुले हुए हैं स्कूल और कालेज
गुजरात में फिलहाल दसवीं से बारहवीं के स्कूल तथा कालेज को बंद करने का कोई निर्णय नहीं किया गया है। स्वास्थ्य मंत्री कहां है स्कूल कालेज के संबंध में सही समय पर फैसला किया जाएगा। इन शिक्षण संस्थानों में अभी आनलाइन और आफलाइन दोनों ही माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है। सरकार कोरोना की स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए हैं राज्य सरकार की ओर से गठित टास्क फोर्स सतत राज्य के सभी जिलों के कोरोना संक्रमण के साथ ट्रेसिंग टेस्टिंग तथा सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में उपचार की व्यवस्थाओं को पुख्ता बनाने पर जोर दे रहे हैं। टास्क फोर्स के सदस्य एवं वरिष्ठ न्यूरो फिजीशियन डा सुधीर शाह ने कोरोना के नए वैरीएंट ओमिक्रोन से बचने के लिए मास्क, सैनिटाइजर तथा शारीरिक दूरी को ही श्रेष्ठ विकल्प बताया है। गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को इससे सतर्क रहने की सलाह दी गई है साथ ही इस दायरे में आने वाले महिला, पुरुष तथा वरिष्ठ नागरिकों को कोरोना टीका के साथ बूस्टर डोज लगाने को कहा गया है।
65 फीसदी किशोर वर्ग को लग चुकी है वैक्सीन
ट्रांसपोर्ट के अन्य सदस्य डॉ अतुल पटेल ने कहा है कि ओमिक्रोन वैरीएंट की संक्रमण फैलाने की क्षमता ज्यादा है लेकिन यह डेल्टा जैसा घातक नहीं है। उन्होंने कहा नए वैरीएंट में अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं है 100 में से 1-2 मरीज को ही भर्ती करने की नौबत आती है। टास्क फोर्स के सदस्य अपने एक अध्ययन के जरिए कहा है कि आईसीयू तथा वेंटीलेटर पर जाने वाले मरीजों में अस्सी फीसदी वे मरीज हैं जिन्होंने वैक्सीन नहीं ली है। गुजरात में अब तक 65 फीसदी किशोर वर्ग ने अब तक टीका लगवा लिया है। 15 से 18 वर्ष की आयु के 35 लाख किशोर किशोरियों को वैक्सीन दी जानी थी जिसमें से अब तक 23 लाख से अधिक को इसकी प्रथम डोज दी जा चुकी है।