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गुजरात में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही सरकार, गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने किया ये दावा

गुजरात सरकार राज्य में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही है। मृत्यु मृत्यु प्रमाण पत्र तथा प्रमाण पत्र जारी होने के आंकड़ों को एक साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए कई बार परिवार मौत के लंबे समय बाद इस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करता है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 15 May 2021 06:02 PM (IST)Updated: Sat, 15 May 2021 06:02 PM (IST)
गुजरात में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही सरकार, गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने किया ये दावा
राज्य में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही गुजरात सरकार

अहमदाबाद, राज्‍य संवाददाता। गुजरात सरकार का दावा है कि वह राज्य में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़े नहीं छिपा रही है। मृत्यु, मृत्यु प्रमाण पत्र तथा प्रमाण पत्र जारी होने के आंकड़ों को एक साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए कई बार परिवार मौत के लंबे समय बाद इस प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करता है। गृह राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने गुजराती अखबार में कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों के संदर्भ में छपी खबर को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि मौत, मृत्यु प्रमाण पत्र तथा प्रमाण पत्र जारी करने के आंकड़ों को जोड़कर एक तय अवधि में उन्हें मौत बताना उचित नहीं है।

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कोरोना महामारी के दौरान शोक में डूबे किसी भी परिवार को तकलीफ ना हो इसलिए सरकार ने ऑनलाइन प्रमाण पत्र देने की व्यवस्था की है। अलग-अलग कारण व उपयोग के लिए कई बार परिवार एक से अधिक बार भी मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन कर देते हैं। जाडेजा का दावा है कि मार्च अप्रैल 2020 में महानगर पालिका की ओर से 61505 से अधिक मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किए गए जबकि कोरोना से हुई मौत के संदर्भ में खबर छापने वाले अखबार में उस दौरान करीब 44943 हजार लोगों की  ही मौत  बताई। जडेजा का कहना है कि लोगों में भय फैलाने तथा सनसनी के लिए इस तरीके की खबर छापी गई है।

राज्य सरकार को रोना से हुई मौत के किसी भी तरह के आंकड़े  छिपाना नहीं चाहती है।  जाडेजा ने कहां की परिवार की मुखिया की मौत हो जाने पर परिवार को बैंक इंश्योरेंस तथा अन्य कई सरकारी एवं संस्थागत औपचारिकताएं पूरी करने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। शोक से पीड़ित परिवार कई बार मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए तुरंत आवेदन नहीं कर के लंबे समय बाद आवेदन करता है इसलिए उसकी मौत को मृत्यु प्रमाण पत्र की तारीख के साथ जोड़कर नहीं देखा जा सकता।   

गौरतलब है कि स्थानीय गुजराती समाचार पत्र ने राज्य में करीब सवा लाख लोगों की कोरोना से मौत होने का दावा किया था, इससे पहले गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने भी महामारी से गुजरात में करीब डेढ़ लाख लोगों के मारे जाने की बात कही थी। लेकिन है कि गुजरात में कोरोना से अब तक करीब 9000 लोगों की मौत हो चुकी है। विरोधी दल कांग्रेस राज्य में महामारी से डेढ़ लाख लोगों की मौत का आरोप लगा रहा है तो स्थानीय समाचार पत्र मौत का आंकड़ा सवा लाख बता रहा है।


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