Gujarat: अब ऑनलाइन देख सकेंगे गुजरात हाईकोर्ट की सुनवाई
Gujarat गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश अनुसार हाईकोर्ट खंडपीठ-1 की सुनवाई को ऑनलाइन कर दिया है। उच्चतम न्यायालय के फैसले व गुजरात उच्च न्यायालय में दायर याचिका में भी आम जनता व पत्रकारों के लिए नयायालय की कार्यवाही के सजीव प्रसारण की बात कही गई थी।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात हाईकोर्ट की सुनवाई अब ऑनलाइन देखी जा सकेगी। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के बाद यूट्यूब के जरिए हाईकोर्ट की कार्यवाही ऑनलाइन कर दी गई है। गुजरात की यह अदालत देश की पहली हाईकोर्ट होगी, जिसकी कार्यवाही ऑनलाइन देखी जा सकती है। गुजरात उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ के निर्देश अनुसार गुजरात हाईकोर्ट खंडपीठ-1 की सुनवाई को ऑनलाइन कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय के एक फैसले तथा गुजरात उच्च न्यायालय में दायर एक याचिका में भी आम जनता व पत्रकारों के लिए नयायालय की कार्यवाही के सजीव प्रसारण की बात कही गई थी। रजिस्ट्रार जनरल ने बतायाकि लॉकडाउन के बाद 24 मार्च, 2020 से ही गुजरता हाईकोर्ट की विविध बेंच की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही है।
गुजरात हाई कोर्ट ने सोमवार से अपनी एक अदालत (खंड पीठ) की कार्यवाही का परीक्षण (ट्रायल) के आधार पर सजीव प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग) शुरू कर दिया। मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ ने एक आदेश में कहा, जो भी कार्यवाही का सजीव प्रसारण देखना चाहता है वह गुजरात हाई कोर्ट की वेबसाइट के होम पेज पर जाकर यू-ट्यूब चैनल के लिंक को एक्सेस कर सकता है। आदेश के मुताबिक, हाई कोर्ट की खंडपीठ संख्या-एक (पहली अदालत) की कार्यवाही का सिर्फ परीक्षण के आधार पर सजीव प्रसारण किया जाएगा। इस परीक्षण के निष्कर्षो के आधार पर ही इसे जारी रखने के पहलू या सजीव अदालती कार्यवाही के तौर-तरीकों को अपनाने पर फैसला किया जाएगा।
कोरोना महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद 24 मार्च से हाई कोर्ट की सभी पीठें वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ही सुनवाई कर रही हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति द्वारा निर्धारित मॉडल वीडियो कांफ्रेंसिंग रूल्स में कहा गया है कि लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये आयोजित अदालती कार्यवाही देखने की अनुमति प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अदालती कार्यवाही के सजीव प्रसारण का निर्देश भी दिया था और गुजरात हाई कोर्ट ने मीडिया कर्मियों के लिए सजीव प्रसारण के तौर-तरीके तय करने के लिए कहा था।