Gujarat: एनसीपी विधायक कांधल जडेजा को गुजरात हाई कोर्ट ने आर्म्स एक्ट के मामले में किया आरोप मुक्त
Gujarat एनसीपी विधायक कांधल जडेजा पर 1998 में आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ था। सोमवार को जारी एक आदेश में गुजरात हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विपुल पंचोली ने कांधल जडेजा की याचिका खारिज करने की अनुमति दी।
अहमदाबाद, प्रेट्र। Gujarat: गुजरात हाई कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) विधायक कांधल जडेजा को आपराधिक मामले में आरोपमुक्त कर दिया है। कांधल जडेजा पर1998 में आर्म्स एक्ट में केस दर्ज हुआ था। सोमवार को जारी एक आदेश में न्यायमूर्ति विपुल पंचोली ने जडेजा की याचिका खारिज करने की अनुमति दी। इससे पहले जडेजा के वकील ने तर्क दिया कि उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है और सह-अभियुक्त द्वारा दिए गए बयान को कानून द्वारा स्वीकार नहीं किया गया। जडेजा पोरबंदर जिले के कुटियाना से विधायक हैं। 1998 में कथित तौर पर हथियारों के साथ पकड़े जाने के बाद पोरबंदर में जडेजा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। हाई कोर्ट ने पहले उनके खिलाफ स्थानीय अदालत में आरोप तय किए थे।
निचली अदालत द्वारा मामले में उन्हें डिस्चार्ज करने की याचिका खारिज करने के बाद जडेजा ने 2015 में कोर्ट का रुख किया। गुजरात के एकमात्र राकांपा विधायक जडेजा को कथित रूप से पोरबंदर, राजकोट और अहमदाबाद में घातक हथियारों के साथ पकड़ा गया था। जडेगा के चुनावी हलफनामे के अनुसार, इस मामले सहित उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
2017 के राज्यसभा चुनाव में एनसीपी के दो विधायकों ने कांग्रेस और भाजपा के पक्ष में वोट डाला था। एनसीपी के दो विधायकों जयंत बोस्की और कांधल जडेजा ने विपरीत दिशा में राह अख्तियार की थी। बोस्की ने जहां कांग्रेस को वोट दिया, वहीं जडेजा ने भाजपा को। सदन में जडेजा पोरबंदर के कुटियाना विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे। आनंद जिला से जे बोस्की निर्वाचित हुए थे। तब यहां कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख भारत सिंह सोलंकी की मजबूत पकड़ थी।
कांग्रेस के लिए वोट डालकर उमरेथ विधायक बोस्की ने अपना कर्ज चुकाया है, जिसने पांच साल पहले 2012 के गुजरात चुनाव के दौरान उन्हें सुरक्षित सीट की पेशकश की थी। पहले आनंद जिले में सारसा का प्रतिनिधित्व करने वाले बोस्की 2012 में आनंद जिले में सीट चाहते थे। उस वक्त कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन उनके लिए रक्षक साबित हुई। बोस्की ने कांग्रेस के सहयोग से उमरेथ सीट पर जीत हासिल की। इसके लिए कांग्रेस ने अपने मौजूदा सांसद लाल सिंह वडोडिया को हटा दिया था, जो उमरेथ सीट पर दोबारा चुनाव लड़ने की चाहत रखते थे। एनसीपी के लिए कांग्रेस के इस समर्थन को देख 2006 में इससे जुड़ने वाले वडोडिया ने वापस भाजपा का दामन थाम लिया और राज्यसभा सदस्य बनाए गए थे।