Move to Jagran APP

Gujarat Budget Session 2021: एप के जरिए पेश होगा गुजरात सरकार का बजट, 8 लाख कागज बचाने का लक्ष्य

Gujarat Budget Session 2021 गुजरात सरकार इस बार मोबाइल एप के जरिये विधानसभा में बजट पेश करेगी। मोबाइल ऐप पर बजट पेश करने का प्रदेश में यह पहला मौका है। बजट सत्र में 8 लाख कागज बचाने का लक्ष्य रखा गया है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 26 Feb 2021 01:57 PM (IST)Updated: Fri, 26 Feb 2021 02:07 PM (IST)
Gujarat Budget Session 2021: एप के जरिए पेश होगा गुजरात सरकार का बजट,  8 लाख कागज बचाने का लक्ष्य
गुजरात सरकार इस बार ऐप के जरिए बजट विधानसभा में पेश करेगी।

गांधीनगर, जागरण संवाददाता। गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने इस बजट सत्र में 8 लाख कागज बचाने का लक्ष्य रखा है और सरकार इस बार का बजट ऐप के जरिए विधानसभा में पेश करेगी। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान को बहुत ही व्यवस्थित तरीके से गुजरात में लागू करने की पहल करने वाली गुजरात सरकार का बजट इस बार मोबाइल ऐप पर जारी होगा। गुजरात सरकार का बजट सत्र 1 मार्च से शुरू होगा लेकिन वित्त मंत्री नितिन भाई पटेल 3 मार्च को अपना बजट मोबाइल ऐप के जरिए पेश करेंगे। 2 मार्च को पंचायत एवं पालिका चुनाव का परिणाम घोषित होगा।

loksabha election banner

गुजरात सरकार बजट मोबाइल को गूगल के प्ले स्टोर से डाउनलोड करके सरकार के बजट को देखा जा सकेगा। इसमें वर्ष 2020-21 तथा 2021-22 दो साल का बजट उपलब्ध होगा। सरकार की ओर से हर एक विभाग को आवंटित अनुदान को अलग-अलग श्रेणियों में तथा विभाग में बांटा गया है। सरकार की ओर से मोबाइल ऐप पर बजट पेश करने का प्रदेश में यह पहला मौका है। 

 इससे पहले सरकार अपनी दर्जनों योजनाओं को ऑनलाइन कर चुकी है तथा इंटरनेट के माध्यम से सरकार की ओर से जारी जन्मा मृत्यु विवाह प्रमाण पत्रों के अलावा राशन कार्ड जमीन के दस्तावेज तथा सरकार की ओर से जारी विविध कार्ड भी ऑनलाइन आवेदन कर हासिल किए जा सकते हैं। इसके लिए सरकार ने राज्य की 18000 ग्राम पंचायतों को भी ब्रॉडबैंड माध्यम से जोड़ने का अभियान शुरू किया था जिसमें से करीब 12000 ग्राम पंचायतों को इससे जोड़ा जा चुका है। 

 गुजरात के विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने इस बजट सत्र में 12 लाख कागज बचाने का लक्ष्य रखा था जिसे पूरा करने के लिए सरकार अपना बजट मोबाइल ऐप के जरिए जारी करेगी। विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी बताते हैं कि सरकार तथा विधानसभा के कामकाज में कई ऐसे काम होते हैं जिनमें कागज अथवा पुस्तके छुपाने की आवश्यकता नहीं है। अगर जनप्रतिनिधियों अधिकारियों मीडिया तथा अन्य लोगों को वितरित किए जाने वाला बजट का दस्तावेज डिजिटल स्वरूप में लिया जाता है तो लाखों कागज बचाए जा सकते हैं। विधानसभा में अधिकतर कामकाज अब पेपर लेस होने लगा है तथा सरकार की ओर से मोबाइल है पर बजट पेश करने से विधानसभा एवं सरकार के कामकाज को पेपर लेस करने के लक्ष्य को गति मिलेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.