Gujarat Election 2022: गुजरात में कांग्रेस को खली अहमद पटेल की कमी, जानें- पार्टी की हार के बड़े कारण
Gujarat Election 2022 गुजरात के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। कांग्रेस को 50 से ज्यादा सीटों का नुकसान होता हुआ नजर आ रहा है। वहीं बीजेपी को करीब इतनी ही सीटों का फायदा मिल रहा है।
Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पूरी तरह से पस्त नजर आ रही है। जिस तरह के रुझान सामने आए हैं और अगर उनमें थोड़ा बहुत बदलाव मानते हुए नतीजों की बात करें भारतीय जनता पार्टी रिकॉर्ड जीत की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है। गुजरात में बीजेपी की पकड़ कितनी मजबूत है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राज्य में बीजेपी ने 1995 से कोई विधानसभा चुनाव नहीं हारा है। ऐसा नहीं है कि कांग्रेस गुजरात में हमेशा से बेदम थी साल 1985 में कांग्रेस ने 149 सीटों जीतकर रिकॉर्ड बनाया था।
कांग्रेस को खली अहमद पटेल की कमी
अहमद पटेल का कांग्रेस में बड़ा कद था। 26 साल के अहमद पटेल ने गुजरात से ही चुनाव जीतकर अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की थी। कांग्रेस में बड़ा रसूख रखने वाले अहमद पटेल ने एक समय के बाद हमेशा पर्दे के पीछे रहते हुए राजनीति की। अहमद भले ही गुजरात में बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड का कोई तोड़ नहीं खोज पाए लेकिन कांग्रेस को संजीवनी जरूर देते रहे। 2001 में वे सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार बने और आखिर तक इसी ओहदे के साथ काम करते रहे। अहमद पटेल का गुजरात में बड़ा कद था और उनकी कमी कांग्रेस को गुजरात में जरूर खली है।
कांग्रेस की हार के बड़े कारण
1- कांग्रेस में गांधी परिवार के बाद सबसे बड़ा नाम अहमद पटेल की कमी भी पार्टी को खली। जो नेता चुनाव मौदान में थे उनका प्रभाव भी सीमित क्षेत्रों तक ही रहा। कांग्रेस के पास गुजरात में कोई ऐसा नजर नजर आया जो पार्टी की नाव पार लगा दे।
2- गुजरात में कांग्रेस इस बार कोई बड़ा मुद्दा तक नहीं बना पाई। पिछले चुनाव में पाटीदार आंदोलन, जीएसटी, नोटबंदी जैसे मुद्दे छाए रहे थे। 2022 के चुनाव में पाटीदार आंदोलन ठंडा पड़ चुका था। हार्दिक पटेल भी बीजेपी में चले गए। मोरबी हादसे पर कांग्रेस बीजेपी को घेर तक नहीं पाई।
3- 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूरी ताकत के साथ प्रचार तक नहीं किया. राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर एक्टिव नजर। गुजरात में कांग्रेस के बड़े नेताओं की गैरमौजूदगी का असर क्या हुआ है वो चुनाव के बाद साफ नजर आ रहा है।
4- गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी का बड़ा कद है. पीएम मोदी गुजरात से ही आते हैं और सीएम रहते हुए उन्होंने वहां बीजेपी को जमीनी स्तर पर काफी मजबूत करने का काम किया। गुजरात से निकलकर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने तो कद और बढ़ गया। कांग्रेस के पास नरेंद्र मोदी के कद जैसा कोई बड़ा नेता गुजरात में नहीं है और इसका असर भी देखने के मिल रहा है।
5- 2017 के विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी ने गुजरात में जमकर प्रचार किया था और पार्टी में नई जान फूंक दी थी. लेकिन, पिछली बार कांग्रेस ने गुजरात में जो पकड़ बनाई इस बार वो भी हाथ से निकल गई. कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाने वाले राहुल गांधी इस बार गुजरात चुनाव से दूर ही रहे।
6- 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को अपनों ने ही झटका दिया। कई नेता कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हे गए। इनमें पाटीदार आंदोलन का चेहरा रहे हार्दिक पटेल और ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर शामिल हैं। पार्टी में बिखराव के चलते भी कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ है।
7- गुजरात में मुकाबला हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता रहा है। लेकिन, इस बार आम आदमी पार्टी की एंट्री ने मुकाबले को त्रिकोणीय जरूर बनाया है। ऐसी कई सीटें रही हैं जहां 'आप' ने कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया है।
8- गुजरात में बीजेपी ने जिस तरह से प्रचार किया और जनता के बीच गई कांग्रेस ऐसा करने में पूरी तरह से नाकाम साबित हुई। कांग्रेस की तरफ से निगेटिव प्रचार भी किया गया जिसको बीजेपी ने भावनात्मक तौर पर खूब भुनाया। इसका भी बीजेपी को चुनाव में फायदा मिला और कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा।
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