Gujarat Bypoll: कांग्रेस विधायक का विवादित बयान, भाजपा उम्मीदवारों के घर पर पथराव करने के लिए कहा
Gujarat गुजरात में कांग्रेस विधायक चंद्रिक बेन बैरिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से हाल ही में पंचायत चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों के घर पर पथराव करने के लिए कहा। उनका दावा है कि वे गलत तरीके से जीते हैं।
दाहोद (गुजरात), एएनआइ। Gujarat: गुजरात में कांग्रेस विधायक चंद्रिक बेन बैरिया ने पंचमहला जिले के मोरवा हडफ में विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से हाल ही में पंचायत चुनाव जीतने वाले भाजपा उम्मीदवारों के घर पर पथराव करने के लिए कहा। उनका दावा है कि वे गलत तरीके से जीते है। मोरवा हडफ विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव 17 अप्रैल को होना है और कांग्रेस इस सीट पर जीत हासिल करने की पूरी कोशिश कर रही है, क्योंकि इसे पार्टी का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने रविवार को निर्वाचन क्षेत्र में एक बैठक का आयोजन किया, जिसका नेतृत्व निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस विधायक बैरिया ने किया। बैठक के दौरान बैरिया ने कहा कि हाल ही के पंचायत चुनाव में जीत हासिल करने वाले भाजपा उम्मीदवारों को अपने घरों को पत्थरों से तोड़ना चाहिए, क्योंकि वे ईवीएम का उपयोग करके और मतदाताओं को शराब देकर बोगस वोटों से जीते है। इसके बाद उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी को आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी। कांग्रेस विधायक ने कहा कि अगर मुझे आगामी विधानसभा चुनावों में हारना है तो मुख्यमंत्री को खुद मैदान में उतरना होगा।
गुजरात में पंचमहाल जिले की मोरवा हडफ विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को उपचुनाव के लिए मतदान होगा। दो मई को मतगणना होगी। मंगलवार को चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) स्थानीय निकाय चुनाव के साथ ही आगामी 2022 तक के विधानसभा चुनाव की भी तैयारी कर चुकी है। गुजरात में पंचमहाल जिले की मोरवा हड़प विधानसभा सीट से भूपेंद्र खांट ने 2017 में बतौर निर्दलीय चुनाव जीता था, लेकिन उनके अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र को लेकर विवाद के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने उनकी सदस्यता को रद कर दिया था। विधायक ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी, जहां उनकी याचिका अभी भी लंबित है। लेकिन गत दिनों भूपेंद्र खाट का बीमारी के चलते निधन हो गया। भूपेंद्र राज्यपाल आचार्य देवव्रत के समक्ष भी गुहार लगाकर उनकी विधानसभा की सदस्यता को बहाल करने की मांग की थी, लेकिन राजभवन की ओर से भी उनकी मांग ठुकरा दी गई थी। मोरवा हडफ सीट आदिवासी बहुल पंचमहाल जिले में आती है तथा यह अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। भूपेंद्र खाट के पिता ओबीसी समाज से आते हैं, लेकिन उनकी माता आदिवासी थी। उनके जन्म के बाद माता अपने पीहर चली गईं और उनके साथ भूपेंद्र खांट अपने ननिहाल में ही रहे तथा वहां ही उनकी प्राथमिक शिक्षा हुई। केंद्र सरकार की एक अधिसूचना के मुताबिक, ननिहाल में रहकर शिक्षा पाने वाले बच्चों को उसकी माता के समुदाय का मान कर उसका प्रमाण पत्र बनाया जाता है तथा उसी आधार पर भूपेंद्र ने चुनाव लड़ा था।