Parakram Diwas: नेहरू से अधिक लोकप्रिय थे नेताजीः विजय रूपाणी
Parakram Diwas गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने पराक्रम दिवस पर कहा कि कांग्रेस परिवारवाद की जनक है तथा उसने देश के कई महान सपूतों के राष्ट्र के लिए किए गए उनके योगदान को मिटाने का काम किया।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Parakram Diwas: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता पंडित जवाहर लाल नेहरू से अधिक थी। परिवारवाद की जनक कांग्रेस ने आजादी में महत्व के स्वतंत्रता सेनानी रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, श्यामजी कृष्ण वर्मा जैसे महान नेताओं के योगदान को भुला दिया। रूपाणी ने कहा कि सूरत के हरिपुरा से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की गौरवपूर्ण यादें जुड़ी हुई हैं। बारडोली से सरदार पटेल तथा दांडी से महात्मा गांधी की यादें जुड़ी हैं। हरिपुरा की पवित्र धरती पर सुभाष चंद्र बोस का आगमन गुजरात के लिए गर्व की बात है। गुजरात से आजादी के कई सेनानियों का संबंध रहा।
रूपाणी ने कहा कि कांग्रेस परिवारवाद की जनक है तथा उसने देश के कई महान सपूतों के राष्ट्र के लिए किए गए उनके योगदान को मिटाने का काम किया। नेताजी जीवित होते तो भारत भी दुनिया में इजरायल की तरह गर्व से सिर ऊंचा करके जी रहा होता। देश के लिए जीने व मरने के संकल्प के साथ उन्होंने प्राणों का बलिदान दे दिया।
रूपाणी ने कहा कि नेताजी ने तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा के नारे के साथ अंग्रेजों के खिलाफ जंग का एलान किया था, उनके जय हिंद के नारे से युवाओं में आजादी के लिए जोश भर गया था। नेताजी का सपना था कि भारत अखंड रहे तथा 90 फीसदी लोग शिक्षित बनें। रूपाणी ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता जवाहर लाल नेहरू से भी अधिक थी, कांग्रेस ने नेताजी को एक ओर धकेलने का काम किया।
रूपाणी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने केवड़िया में पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई। कोलकाता में सुभाष बाबू का भव्य स्मारक व म्यूजियम तथा वीर सावरकर ने अंडमान निकोबार की जिस सेल्युलर जेल में उम्रकैद की सजा काटी उसे सावरकर स्मारक तथा लंदन में इंडिया हाउस का निर्माण कराने वाले श्यामजी कृष्ण वर्मा का जिनेवा से अस्थि कलश लाकर कच्छ भुज में उनका भव्य स्मारक बनवाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को सूरत जिला भाजपा ने बारडोली तहसील के हरिपुरा में पराक्रम दिवस के रूप में जोर शोर से मनाया गया। मुख्यमंत्री रूपाणी सजी-धजी बैलगाड़ी में सवार होकर समारोह स्थल पहुंचे। यहां 51 सजे-धजे बैलों की जोड़ी तथा परंपरागत आदिवासी नृत्य से उनका स्वागत किया गया। बारडोली के हरिपुरा में 1938 के कांग्रेस का सम्मेलन हुआ था।