Gujarat: विजय रूपाणी बोले, रेजिडेंट डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो कार्रवाई होगी
Gujarat विजय रूपाणी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग को गैरवाजिब बताते हुए कहा कि वे हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सातवें वेतन आयोग की मांग कर रहे चिकित्सकों की मांग स्वीकार नहीं होगी।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग को गैरवाजिब बताते हुए कहा कि वे हड़ताल खत्म कर काम पर लौट आएं। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सातवें वेतन आयोग की मांग कर रहे चिकित्सकों की मांग स्वीकार नहीं होगी। कोरोना महामारी में डॉक्टर काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। उधर, जामनगर रेजिडेंट डॉक्टर्स के हॉस्टल में पानी, बिजली व लिफ्ट सुविधा शुक्रवार रात को ही बंद करने के बाद उन्हें अब हॉस्टल खाली करने को भी कहा गया है। अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर तथा भावनगर के करीब दो हजार रेजिडेंट डॉक्टर सरकार से सातवें वेतन आयोग की मांग को लेकर कुछ दिनों से हड़ताल पर हैं।
इसी के चलते शुक्रवार शाम को जामनगर के रेजिडेंट हॉस्टल में पानी, बिजली व लिफ्ट सुविधा को भी बंद कर दिया गया। इसके बाद यहां रहने वाले तीन सौ से अधिक जूनियर डॉक्टर को हॉस्टल खाली करने को कहार गया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने शनिवार को हड़ताल कर रहे दो हजार डॉक्टरों से कहा कि उनकी मांग गैरवाजिब है तथा सरकार इसको स्वीकार नहीं करेगी। इस मौके पर विजय रूपाणी अपील की है कि हड़ताल समाप्त कर डॉक्टर काम पर लौटें। इससे पहले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने भी कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल कर सरकार के साथ किए गए करार का उल्लंघन कर रहे हैं। मेडिकल की डिग्री पूरी करने के बाद उन्हें एक साल ग्राामीण क्षेत्र में नौकरी करनी होगी। उनका यह भी कहना है कि चिकित्सक 40 लाख रुपये का जुर्माना भरकर सरकार के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में एक साल सेवा देने के अपने बांड की अवज्ञा कर रहे हैं। चिकित्सकों की इस प्रवृत्ति को सरकार ने गंभीर माना है। नितिन पटेल ने कहा कि हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।