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Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने प्रदेश में फायर सेफ्टी जांच के दिए आदेश

Vijay Rupani गुजरात के सीएम रूपाणी ने कहा कि लोगों का जीवन अमूल्‍य है इस तरह की घटना दुबारा नहीं हो प्रशासन को इसकी ताकीद करनी होगी ताकि निर्दोष लोगों को जान नहीं गंवानी पड़े।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 06:46 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 06:46 PM (IST)
Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने प्रदेश में फायर सेफ्टी जांच के दिए आदेश
Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने प्रदेश में फायर सेफ्टी जांच के दिए आदेश

अहमदाबादा, जागरण संवाददाता। गुजरात में अहमदाबाद के श्रेय अस्‍पताल में आग लगने से आठ लोगों की मौत के बाद मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने शुक्रवार को राज्‍य के सभी हॉस्‍पिटल, कॉमर्शियल कॉम्‍पलेक्‍स-मकानों में फायर सेफ्टी की जांच के आदेश दिए हैं। श्रेय अस्‍पताल के फायर सेफ्टी प्रमाण पत्र की अवधि समाप्‍त हो चुकी थी तथा उपकरण नाकारा हो चुके थे। रूपाणी ने कहा कि लोगों का जीवन अमूल्‍य है, इस तरह की घटना दुबारा नहीं हो प्रशासन को इसकी ताकीद करनी होगी ताकि निर्दोष लोगों को जान नहीं गंवानी पड़े। वहीं, कोविड स्‍पेशल श्रेय हॉस्‍पिटल व महानगर पालिका ने इस अग्निकांड में मारे गए आठ लोगों की मौत को कोरोना के चलते हुई मौत बताकर अग्निकांड के दोषियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। हालांकि सिविल अस्‍पताल मौत का कारण जलने व कोरोना दोनों को बता रहा है।

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अहमदाबाद के पॉश नवरंगपुरा इलाके में स्थित श्रेय अस्‍पताल के आइसीयू वार्ड में बुधवार मध्‍य रात्रि आग लगने से आठ कोरोना मरीजों की जलने से मौत हो गई थी। मरने वालों में पांच पुरुष व तीन महिलाएं शामिल हैं। इनमें से एक धोलका अहमदाबाद के मृतक का अंतिम संस्‍कार अहमदाबाद के दूधेश्‍वर स्थित श्‍मशान गृह पर किया गया। उसकी मौत का कारण कोरोना बताया गया है। श्रेय अस्‍पताल से जारी दस्‍तावेज व सिविल अस्‍पताल के मेडिकल कॉलेज संचालित फॉरेंसिक साइंस डिपार्टमेंट की ओर से जारी दस्‍तावेज के आधार पर ही मौत का कारण बताया जाता है, लेकिन श्‍मशान गृह के रजिस्‍टर में दर्ज मौत के कारण से अब इस पर शंका होने लगी है कि चूंकि इसमें मौत का कारण कोरोना बताया गया है। इससे प्रशासन की उदासीनता उजागर हो जाती है, कोरोना संक्रमितों की मौत का कारण दम घुटना माना गया है, जो आग लगने के कारण हुआ लेकिन मौत के कारण में कोरोना को जोड़कर मौत के लिए जिम्‍मेदार लोगों के अपराध को कम आंकने का प्रयास माना जा रहा है।

गुजरात के सूरत में मई 2019 को तक्षशिला कॉम्‍पलेक्‍स के टॉप फ्लोर पर एक इंस्‍टीट्यूट में लगी आग में 20 से अधिक बच्‍चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद यह गुजरात की दूसरी बड़ी आगजनी है, जिसमें बड़ी संख्‍या में लोगों की मौत हुई हुई है। इस घटना के बाद एक बार फिर सत्‍तापक्ष व विपक्ष आमने सामने आ गए हैं। सरकार जहां मृतकों को आर्थिक सहायता व न्‍याय‍ दिलाने की बात कर रही है, वहीं विपक्ष का कहना है कि सरकार कोरोना महामारी तथा लोगों के जीवन के प्रति कभी संवेदनशील रही ही नहीं।

सिविल अस्‍पताल के विशेष प्रभारी वरिष्‍ठ चिकित्‍सक डॉ. एमएम प्रभाकर ने बताया कि मृत्‍यु प्रमाण पत्र सिविल हॉस्‍पिटल परिसर में संचालित फॉरेंसिक साइंस व मेडिकल कॉलेज ने पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर बनाया है। इसमें मौत का कारण कोरोना व जलने को बताया है। महानगर पालिका का जन्म व मृत्‍यु पंजीकरण विभाग ही इसमें अंतिम प्रमाण पत्र जारी करेगा, जिसमें ये सभी बातें देखीं जाएंगी, श्‍मशान गृह ने क्‍या कारण बताया इस पर कुछ कह नहीं सकते। 


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