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Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने मानी 65000 शिक्षकों की मांग, कांग्रेस ने साधा निशाना

Vijay Rupani गुजरात के शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस के नेताओं ने शिक्षक संघ व युवाओं को गुमराह कर इस मुद्दे पर राजनीति करने का प्रयास किया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 11:22 AM (IST)
Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने मानी 65000 शिक्षकों की मांग, कांग्रेस ने साधा निशाना
Gujarat: सीएम विजय रूपाणी ने मानी 65000 शिक्षकों की मांग, कांग्रेस ने साधा निशाना

शत्रुघ्‍न शर्मा, अहमदाबाद। Vijay Rupani: शिक्षकों के पे ग्रेड को घटाने के बाद अब सरकार ने शिक्षकों व शिक्षित बेरोजगारों के विरोध को देखते हुए फिर से पुराना ग्रेड लागू कर दिया है। सरकार ने कांग्रेस पर शिक्षक संगठनों व शिक्षित बेरोजगारों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया। गुजरात में 4200 के ग्रेड की मांग को लेकर चल रहे शिक्षकों के आंदोलन को देखते हुए मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने जून 2019 के उस विवादास्‍पद परिपत्र को रद करने का एलान किया है, जिसके चलते 65 हजार शिक्षकों का पे ग्रेड घटाकर 2400 रुपये कर दिया गया था। गुजरात राज्‍य प्राथमिक शिक्षक संघ तथा गुजरात शैक्षिक महासंघ के बैनर तले हजारों शिक्षक पिछले दो सप्ताह से आंदोलन कर रहे थे।

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शिक्षक नेताओं ने गांधीनगर में धरना-प्रदर्शन व सरकार के साथ कई दौर की बातचीत के बाद सरकार को अल्‍टीमेटम दिया था कि 25 जून, 2019 को शिक्षा विभाग की ओर से जारी उस परिपत्र को रद किया जाए, जिसके तहत उनका ग्रेड 4200 से घटाकर 2400 रुपये कर दिया गया था। शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्‍मा ने बताया कि शिक्षकों की मांग को लेकर मुख्‍यमंत्री व शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों से चर्चा के बाद जून 2019 के परिपत्र को रद करने का फैसला किया गया है। राज्‍य के करीब 65 हजार शिक्षकों को इससे लाभ होगा।

शिक्षामंत्री भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कांग्रेस के नेताओं ने शिक्षक संघ व युवाओं को गुमराह कर इस मुद्दे पर राजनीति करने का प्रयास किया है। सरकार युवाओं व जनता के विविध वर्ग के हितों में काम करती है तथा आने वाले दिनों में सभी कानूनी अड़चनों को भी दूर कर दियाजाएगा।

उधर, कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष दोशी जो इस मुद्दे पर गुरुवार को सांकेतिक उपवास पर उतरे थे, ने कहा कि राज्‍य में शिक्षा का स्‍तर लगातार गिर रहा है। छात्र नेताओं व शिक्षित युवाओं के दबाव में सरकार को अपना फैसला वापस लेना पड़ा है। गौरतलब है कि छात्र नेता दिनेश बामणिया, युवराज सिंह जाडेजा लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाऐ हुए थे।


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