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Ganesha Chaturthi 2020: गाय के गोबर से बनाईं प्रतिमाएं, राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने की ये अपील

कामधेनु आयोग ने आगामी गणेश चतुर्थी पर गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमा का ही विसर्जन करने की अपील की है।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 03:19 PM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 05:49 PM (IST)
Ganesha Chaturthi 2020: गाय के गोबर से बनाईं प्रतिमाएं, राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने की ये अपील
Ganesha Chaturthi 2020: गाय के गोबर से बनाईं प्रतिमाएं, राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने की ये अपील

अहमदाबाद [शत्रुघ्‍न शर्मा]। गांव व गाय को आत्‍मनिर्भरता के क्षेत्र में एक कदम आगे बढाते हुए राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने गणेश चतुर्थी पर गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमा का ही उपयोग करने का अभियान शुरु किया है। कामधेनु आयोग के अध्‍यक्ष एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ वल्‍लभ कथीरिया ने बताया कि पर्यावरण की शुि‍द्ध, मेक इन इंडिया, क्‍लीन इंडिया व ग्रीन इंडिया के अभियान को सार्थक बनाते हुए आयोग ने आगामी गणेश चतुर्थी पर गाय के गोबर से बनी गणेश प्रतिमा का ही विसर्जन करने की अपील की है।

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डॉ कथीरिया का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते गुजरात में बसे बंगाली व अन्‍य प्रदेशों के कारीगर भी अपने अपने प्रदेश में चले गये हैं इसलिए इस बार गणेश चतुर्थी पर प्‍लास्‍टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं का मिलना कठिन है और वैसे भी वे पर्यावरण के लिए हानिकारक है। राष्‍ट्रीय कामधेनु आयोग ने कश्‍मीर, पंजाब, राजस्‍थान, गुजरात से लेकर केरल तक के मूर्ति निर्माता व पर्यावरण मित्र उत्‍पाद का निर्माण करने वाली संस्‍थाओं व गौशालाओं से संपर्क कर गाय के गोबर से मूर्ति के निर्माण का आग्रहकिया है। इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को गति मिलेगी साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मेक इन इंडिया के अभियान को भी गति मिलेगी।

कथीरिया ने बताया कि गणेश प्रतिमा के अलावा अन्‍य अलग अलग देवियों की प्रतिमाएं, गमले, चाबी का छल्‍ला जैसी वस्‍तुएं भी गोबर से बनाई जा रही हैं। हाल सौराष्‍ट्र की करीब एक दर्जन गौशालाओं ने गणेश प्रतिमा बनाने की तैयारीशुरु की है। कामधेनू आयोग जल्‍द ही इसकी डाई तैयार कराकर देश के अन्‍य राज्‍यों में इस पर काम करने वालों को उपलब्‍ध कराऐगा। डॉ कथीरिया का यह भी कहनाहै कि आयोग एक मंच उपलब्‍ध करा रहा है बाकी यह वस्‍तुएं बनाने व बेचने वाले पूरी तरह स्‍वतंत्र रुप से काम करेंगे। इसकी कीमत भी वहीं तय करेंगे, उनका दावा है कि इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को गति मिलेगी साथ ही युवाओं को आत्‍मनिर्भर होने में मदद मिलेगी।


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