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गुजरात में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों ने की आत्महत्या

suicide in Gujarat. गुजरात के जामनगर में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 01 Jan 2019 04:30 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jan 2019 05:59 PM (IST)
गुजरात में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों ने की आत्महत्या
गुजरात में आर्थिक तंगी के चलते एक ही परिवार के पांच लोगों ने की आत्महत्या

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के जामनगर जिले के किसान चौक इलाके में मंगलवार को एक ही परिवार के पांच सदस्यों ने आत्महत्या कर ली है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। घटना की सूचना पाते ही जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक सहित का काफिला घटनास्थल पर पहुंचा। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमोर्टम के लिए भेज दिया है।

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जानकारी के मुताबिक, किसान चौक इलाके के मोदी वाड़ा क्षेत्र में यह घटना हुई है। जामनगर जिला पुलिस अधीक्षक शरद सिंघल ने बताया कि परिवार में केवल 81 वर्षीय बुजुर्ग पन्नालाल साकरिया बचे हैं। घटना के समय वे नीचे वाले कमरे सो रहे थे, जबकि परिवार के बाकी लोग ऊपर वाले कमरे में सो रहे थे। देर रात ही साकरिया परिवार के पांच सदस्यों ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली थी, लेकिन घटना का खुलासा मंगलवार सुबह हुआ। होलसेल के व्यापारी दीपक पन्नालाल साकरिया (45) ने पहले पत्नी आरती (42), माता जयाबेन साकरिया (78), 10 वर्षीय पुत्री कुमकुल तथा पांच वर्षीय पुत्र हेंमत को पानी में जहर मिला कर पिला दिया। इसके कुछ देर बाद खुद भी जहर पीकर आत्हमत्या कर ली।

पूछताछ में पता चला है कि परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा था। मृतक दीपक साकरिया की माता की बीमारी पर हर महीने 20 हजार रुपये खर्च होते थे। मकान के लिए बैंक में 15 हजार की किस्त भरनी पड़ती थी । जांच में सामने आया है कि मृतक दीपक भाई ने पिछले तीन महीने से मकान की किस्त नहीं भरी थी। इससे वे काफी चिंता में थे। दीपक ने चार दिन पहले ही अपने मौसी के लड़के से कहा था कि मां के इलाज और मकान की किस्त मिलाकर महीने में कुल 40 हजार रुपये भरने लगते हैं, लेकिन उसकी आमदनी केवल 15 से 20 हजार है। इन रुपयों से केवल घर भी ठीक से नहीं चलता है। वह इस सब वजहों से परेशान हो गया है। पुलिस अधीक्षक शरद सिंघल ने बताया कि घर में से एक जहर की शीशी मिली है। शवों पोस्मोर्टम के लिए भेज कर जांच में एफएसएल की भी मदद ली गई है।  

गौरतलब है कि गत वर्ष जून व सिंतबर महीने में भी इस प्रकार की घटना हुई हैं। आर्थिक संकट के चलते वडोदरा के मकरपुरा क्षेत्र स्थित चित्रकूट सोसायटी निवासी व कलर का व्यवसाय करते विक्रमकुमार अरविंदकांत त्रिवेदी (55), पत्नी हीनाबेन त्रिवेदी (52) एवं पुत्र हर्निल त्रिवेदी (23) ने पावागढ़ मंदिर मे दर्शन करने के बाद कार में कीटनाशक पीकर जान दे दी थी।

वहीं, गत सितंबर महीने में अंधविश्वास के चलते अहमदाबाद के नरोदा इलाके में रहने वाले व्यापारी कुणाल त्रिवेदी (50), उसकी पत्नी कविता (45) और बेटी शिरीन (16) ने जहरीला पदार्थ पीकर जान दे दी। कुणाल की मां जयश्री बेन (75) बेहोशी हालत में मिलीं थी, उन्होंने भी जहरीला पदार्थ पीया था।


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