हार्दिक पटेल का आमरण अनशन जारी, डॉक्टरों ने दी तरल पदार्थ पीने की सलाह
हार्दिक ने ट्वीट किया है कि किसानों की कर्जा माफी और आरक्षण की मांग के साथ विजय संकल्प अनिश्चितकालीन उपवास का आज तीसरा दिन हैं।
अहमदाबाद, जेएनएन। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल आरक्षण व किसानों की कर्ज माफी की मांग को लेकर आमरण उपवास पर हैं। शनिवार से शुरू हुआ उनका उपवास आंदोलन सोमवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। सोला अस्पताल के डॉक्टर की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की। उनका स्वास्थ्य सामान्य है, लेकिन ब्लड प्रेशर कम होने की चलते उन्हें तरल पदार्थ पीने की सलाह दी है।
इस बीच, हार्दिक ने ट्वीट किया है कि किसानों की कर्जा माफी और आरक्षण की मांग के साथ विजय संकल्प अनिश्चितकालीन उपवास का आज तीसरा दिन हैं। बीते दिन से ज्यादा आज पुलिस तैनात की है। बिहार, उत्तर प्रदेश व महाराष्ट्र से समर्थन देने आए किसानों को पुलिस मेरे निवास स्थान पर नहीं आने दे रही, किसानों को परेशान किया जा रहा है।
पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल ने पहले अहमदाबाद के निकोल में तथा बाद में गांधीनगर की सत्याग्रह छावनी में उपवास की इजाजत मांगी थी, लेकिन शांति व कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए प्रशासन ने उन्हें उपवास की मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद शनिवार अपरान्ह तीन बजे वे सरखेज गांधीनगर हाइवे पर ग्रीनवुड फार्म हाउस स्थित अपने आवास पर ही करीब दो सौ समर्थकों के साथ उपवास पर बैठ गए थे। रविवार दोपहर को भी सोला अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने उनके स्वास्थ्य की जांच की तथा सोमवार सुबह भी डॉक्टर की एक टीम ने वहां पहुंचकर स्वास्थ्य की जांच करने के बाद हालात सामान्य लेकिन ब्लड प्रेशर कम होने के चलते उन्हें तरल पदार्थ लेने की सलाह दी है।
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा व नेता विपक्ष परेश धनाणी ने हार्दिक के उपवास आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन घोषित करते हुए कहा कि अपने समाज के हक की मांग को लेकर उपवास करने की मांग करने वाले हार्दिक को मंजूरी नहीं देकर राज्य सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। शनिवार से कांग्रेस विधायक हार्दिक के उपवास स्थल पर पहुंचकर अपना समर्थन दे रहे हैं। शनिवार को कांग्रेस के आधा दर्जन विधायक उपवास स्थल पर मौजूद थे, जबकि सोमवार को भी तीन विधायक हार्दिक को समर्थन करने पहुंचे।
उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल का कहना है कि हार्दिक कांग्रेस के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं तथा वह गुजरात की शांति व्यवस्था को बिगाड़कर सामाजिक ताने बाने को बिखेरना चाहते हैं, जबकि भाजपा सभी वर्ग व समुदाय के लोगों को जोडकर विकास करना चाहती है।