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मरे हुए लोगों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक के खाते में जमा हो रहा है मनरेगा का पैसा!

गुजरात में मनरेगा के नाम पर ऐसे लोगों के खातों में पैसा जमा होने का मामला सामने आया है जो या तो मर चुके हैं या फिर सरकारी कर्मचारी हैं। ये मामला स्‍थानीय विधायक ने असेंबली में उठाया है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 24 Mar 2021 07:43 AM (IST)Updated: Wed, 24 Mar 2021 07:43 AM (IST)
मरे हुए लोगों से लेकर सरकारी कर्मचारियों तक के खाते में जमा हो रहा है मनरेगा का पैसा!
मनरेगा के तहत गड़बडि़यों का हुआ खुलासा

गांधीनगर (आईएएनएस)। गुजरात में मनरेगा के नाम पर मरे हुए लोगों के खाते में पैसा जा रहा है। इतना ही नहीं मरे हुए लोग इस पैसे की निकासी भी कर रहे हैं। मनरेगा के पैसे से भ्रष्‍ट तरीके से अपनी जेब भरने का ये मामला गुजरात छोटा उदयपुर जिले का है, जहां पर एक ऐसे व्‍यक्ति के खाते में मनरेगा के 1120 रुपये जमा किए जाते रहे हैं जो चार साल पहले ही मर चुका है। इतना ही नहीं इस व्‍यक्ति के नाम पर मनरेगा कार्ड जारी किया गया है। यहां के स्‍थानीय विधायक मोहन सिंह राथवा ने ये मामला प्रकाश में लाया और गुजरात विधानसभा में उठाया है।

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बजट सत्र के दौरान मोहन सिंह राथवा ने प्रश्‍न काल में ये मुद्दा उठाते हुए कहा कि छोटा उदयपुर में मनरेगा के नाम पर कई तरह की गड़बडि़यां सामने आई है। उनके मुताबिक मनरेगा के नाम पर ऐसे लोगों के खाते में पैसे जा रहे हैं जो मर चुके हैं। इसके अलावा इसमें नाबालिग भी हैं, जिनके खाते में ये पैसे जा रहे हैं। ये गड़बड़ी यहीं तक सीमित नहीं है। मनरेगा के नाम पर सरकारी कर्मचारियों को भी कार्ड जारी किए गए हैं और उनके भी खातों में इसकी रकम जा रही है।

बोडेली में जहां चार वर्ष पूर्व मर चुके व्‍यक्ति के खाते में मनरेगा की रकम जमा की जाती रही है वो इसकी निकासी भी कर रहा है। इसी तरह से प्राइमरी स्‍कूल टीचर के खाते में भी मनरेगा के 1120 रुपये जमा किए गए हैं। जीईबी में काम करने वाले अश्विनी राथवा के खाते में भी इसी तरह से पैसा जमा किया गया है। ये भूतिया लोग मनरेगा के नाम पर पैसे का गलत इस्‍तेमाल कर रहे हैं और दूसरे लोगों का हक मार रहे हैं, जिन्‍हें इसकी जरूरत है। उन्‍होंने कहा है कि मनरेगा के कार्ड सरकारी कर्मचारियों तक को जारी किए गए हैं। जिन्‍हें गलत तरीके से मनरेगा के कार्ड जारी किए गए हैं उनके 13 से 15 वर्ष की आयु के नाबालिग भी शामिल हैं। ये भी इसके तहत पैसा पा रहे हैं।

उनके मुताबिक ये गड़बड़ी केवल यहीं तक सीमित नहीं है बल्कि मनरेगा के नाम पर कोहारी गांव में 19 लाख रुपये की रकम का दुरुपयोग किया गया है। यहां पर झील के नाम पर इस रकम की अदायगी की गई जबकि यहां पर कोई भी काम इसको लेकर हुआ ही नहीं है। इसी तरह से चुंदेली गांव में वहां के सरपंच को भी मनरेगा का कार्ड जारी किया गया है। मोहन सिंह राथवा द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में राज्‍य के कृषि मंत्री आरसी फालदू ने कहा कि उन्‍हें भी वर्ष 2020 में मनरेगा के तहत गड़बडि़यों की जानकारी मिली है। इसके बाद उन लोगों पर कार्रवाई की गई है जो इसमें लिप्‍त थे। कुछ लोगों को टर्मीनेट भी किया गया है।


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