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Cyclone Tauktae: गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी

Cyclone Tauktae 18 मई को सौराष्ट्र व कच्चे तथा दक्षिण गुजरात के इलाकों में हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। सरकार ने राजकोट में एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी हैं. एक दर्जन टीमों को स्टैंड बाय रखा है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 14 May 2021 04:58 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 06:41 PM (IST)
Cyclone Tauktae: गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी
गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश की चेतावनी। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता।  Cyclone Tauktae: गुजरात के समुद्री किनारों पर चक्रवात 'तौकते' के टकराने की आशंका के चलते खतरे के सिग्नल लगा दिए गए हैं। कांडला बंदरगाह पर दो नंबर का सिग्नल है, जबकि सौराष्ट्र व कच्छ इलाके में एक नंबर का सिग्नल लगाया गया है। 16 से 18 मई के बीच सौराष्ट्र व कच्छ के इलाकों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई। अमरेली जाफराबाद वोट एसोसिएशन ने बताया कि अभी भी करीब 700 बोट समुद्र में हैं, उनसे वायरलेस की खराबी के चलते संपर्क नहीं हो पा रहा है। अरब सागर में बन रहे कम दबाव के चलते गुजरात पर चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। चक्रवात के उत्तर, उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की आशंका है। 16 17 व 18 मई को सौराष्ट्र व कच्छ के समुद्री किनारे पर बसे शहरों में भारी बारिश की आशंका है।

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18 मई को सौराष्ट्र व कच्चे तथा दक्षिण गुजरात के इलाकों में हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। सरकार ने राजकोट में एनडीआरएफ की दो टीमें भेजी हैं. एक दर्जन टीमों को स्टैंड बाय रखा है। राज्य सरकार ने समुद्री किनारे पर बसे शहर व गांवों को सतर्क कर दिया है। साथ ही, मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की अपील की गई है। समुद्र में पहले से मौजूद बोट को भी वापस बुला लिया गया है। द्वारिका के उपखंड अधिकारी निहार भेटारिया ने बताया कि द्वारिका, ओखा के इलाके में 5282 बोट पंजीकृत हैं, इनमें से केवल 20 से 25 बोट ही समुद्र में है। उन्होंने बताया कि चक्रवात के खतरे को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन के साथ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है। पास के गांव में ही उनके लिए आश्रय स्थल बनाए गए। वलसाड कलेक्टर ने बताया कि करीब 39 गांव में आश्रय स्थल तय किए गए हैं।

चक्रवात के असर को देखते हुए जरूरत पड़ी तो समुद्री किनारे के प्रभावित गांवों के लोगों को यहां लाया जाएगा। प्रशासन ने मछुआरों व आम नागरिकों को चेतावनी देते हुए पोरबंदर, भावनगर, घोघा, अलंग, सरतानपर, अमरेली, वेरावल, जूनागढ़ के समुद्री किनारे पर एक नंबर का सिग्नल लगाया है। अरब सागर में बन रहा लो प्रेशर धीरे-धीरे डिप्रेशन में तब्दील हो रहा है। प्रशासन में सभी कर्मचारियों को मुख्यालय पर भी मौजूद रहने के निर्देश जारी किए। बोट एसोसिएशन को 13 मई को ही स्थानीय प्रशासन ने समुद्र में मौजूद बोट को बुलाने के निर्देश दे दिए थे, लेकिन एसोसिएशन का कहना है कि अमरेली जाफराबाद की करीब 700 बोट से वायरलेस सेट की तकनीकी खराबी के चलते संपर्क नहीं हो पा रहा है, इस कारण एसोसिएशन के पदाधिकारी भी चिंतित हैं। 


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