गुजरात में मानसूनी बारिश से फसलें तबाह, किसानों ने लगायी मदद की गुहार
गुजरात में अत्याधिक बारिश के कारण खेतों का काफी नुकसान पहुंचा है किसान सरकार से सहायता की मांग कर रहे हैं।
अहमदाबाद, एएनआइ। दक्षिण गुजरात के कई जिलों में खेतों में लंबे समय तक जल जमाव के कारण धान की फसलें खराब हो गईं। सूरत के ओलपाड में किसान तनय देसाई कहते हैं, “हमारी मांग है कि सरकार बारिश से हुए फसलों के नुकसान का एक सर्वेक्षण करे और प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करे।
गौरतलब है कि इस बार गुजरात में मानसून की अत्याधिक बारिश होने के कारण कई इलाके पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं जिससे फसलें बर्बाद हो गयी हैं। नदियां व तालाब लबालब हो चुके हैं, राज्य में अब तक मानसून की 120 फीसद बारिश हो चुकी है। नेता विपक्ष परेश धनाणी के अनुसार राज्य में भारी बारिश के कारण किसानों को अब तक 25000 करोड़ का नुकसान हो चुका है, सरकार जल्द ही किसानों की सहायता के लिए कदम उठायेगी और पैमाना तय कर जल्द ही उचित मुआवजा देगी। गुजरात के कच्छ इलाके में अब तब मानसून की 252 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है।
पिछले दिनों हुई अत्याधिक बारिश के चलते राज्य के 154 जलाशय हाई अलर्ट पर थे, वहीं 24 जलाशय के लिए अलर्ट जारी हुआ था। राज्य की 62 नदियां 78 तालाब पानी से लबालब हो उफान पर थे। राज्य में इस बार लगभग 98 प्रतिशत फसलों की बुवाई हो चुकी थी, लेकिन लगातार हो रही बारिश की वजह से फसलें गलने लग गई। जिसके बाद सौराष्ट्र, दक्षिण गुजरात व उत्तर गुजरात के कई जिलों में किसान संघ फसलें नष्ट हो जाने पर मुआवजे की मांग कर रहे हैं। राज्य की 94 तहसीलों में अब तक कुल 1000 मिमी से अधिक बारिश हो चुकी है। कच्छ जोन में 251.66 प्रतिशत, सौराष्ट्र में 162.64 फीसद, दक्षिण गुजरात में 102.45 प्रतिशत, उत्तर गुजरात में 101.72 जबकि मध्य गुजरात में 87.56 फीसद बारिश दर्ज हो चुकी है।