मेहंदी निर्माता को अपने उत्पाद पर टीवी अभिनेत्री का फोटो लगाना पड़ा महंगा, कोर्ट ने दिया ये आदेश
अहमदाबाद की सिटी सिविल कोर्ट ने राजस्थान की एक मेहंदी निर्माता कंपनी को कॉपीराइट कानून का उल्लंघन करने पर ब्याज समेत पांच लाख का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। राजस्थान के एक मेहंदी निर्माता को अपने उत्पाद के प्रचार के लिए टीवी अभिनेत्री की फोटो लगाना महंगा पड़ गया। अहमदाबाद की सिटी सिविल कोर्ट ने मेहंदी निर्माता कंपनी को बतौर मुआवजा पांच लाख रुपये ब्याज समेत देने का आदेश सुनाया है।
अहमदाबाद में रहने वाले पूजा गौर टीवी सीरियल मन की आवाज, प्रतिज्ञा आदि के लिए काम कर चुकी है। राजस्थान की कनक प्रोडक्ट नामक कंपनी ने अपने पैकेट पर प्रतिज्ञा के ब्रांड नाम से उसका फोटो लगाकर बेचना शुरु कर दिया था। जब उसे इसकी जानकारी मिली तो 2011 में गौर ने कॉपीराइट कानून के तहत अपने अधिवक्ता के जरिए अहमदाबाद की सिटी सिविल कोर्ट में एक वाद दायर करते हुए 20 लाख रुपये का बतौर मुआवजा 18 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाने की मांग की।
अभिनेत्री ने दावा किया था कि कंपनी ने उसकी मंजूरी के बिना उसके फोटो का उपयोग अपने व्यवसायिक हितों के लिए किया है जो भारतीय कानूनों के साथ कॉपीराइट कानून का भी उल्लंघन है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि विवादित शीर्षक व फोटो के साथ मेहंदी निर्माता कंपनी अथवा फर्म ने उत्पाद को बेचा है इसका कोई सबूतवादी की ओर से पेश नहीं किया जा सका है। लेकिन कॉपीराइट कानून के अनुसार मेहंदी निर्माता कंपनी अथवा फर्म को वादी के आरोपों का दोषी माना जाता है। अदालत ने राजस्थान की मेहंदी निर्माता कंपनी कनक प्रोडक्ट पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने के साथ इस रकम पर 2011 से अब तक 6 फीसदी के हिसाब से ब्याज देने का आदेश सुनाया है।
क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काई का समर्थन
अहमदाबाद के चिकित्सकों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर चलाये गये एक वैश्विक अभियान क्लीन एयर फॉर ब्ल्यू स्काई का समर्थन किया है। एक राष्ट्रीय सेमिनार से जुडे शहर के दो हजार चिकित्सकों ने माना कि वायू प्रदूषण लोगों के शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है इसलिए सरकार को इस पर खास ध्यान देना चाहिए। अहमदाबाद के ख्यातनाम न्यूरोलॉजिस्ट डॉ सुधीर शाह इस सेमिनार के मुख्य वक्ता थे। शाह ने कहा कि स्वच्छ हवा लोगों के मौलिक अधिकार है। कोरोना महामारी ने अब हमें स्वच्छता के लिए सोचने के लिए मजबूर किया है।