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Gujarat Politics: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ब्रह्म समाज को जोड़ेगी कांग्रेस

Gujarat Politics गुजरात प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा अब ब्रह्म समाज को पार्टी से जोड़कर फिर कांग्रेस को सत्ता के केंद्र में लाने की कोशिश में हैं। गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस खुद को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 31 Dec 2021 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 31 Dec 2021 05:37 PM (IST)
Gujarat Politics: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले ब्रह्म समाज को जोड़ेगी कांग्रेस
गुजरात में ब्रह्म समाज को जोड़ेगी कांग्रेस, रघु शर्मा ने शुरू की कोशिश। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। महागुजरात आंदोलन के नायक रहे यंग टर्क प्रबोध रावल, हरिहर खंभोलजा, रणजीत शास्त्री, हरिप्रसाद व्यास, ब्रह्म कुमार भट्ट कभी गुजरात कांग्रेस की रीढ़ हुआ करते थे, लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस नेता किनारे लगा दिए गए। इसके साथ ही प्रदेश में कांग्रेस भी सत्ता के किनारे लग गई। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी रघु शर्मा अब ब्रह्म समाज को पार्टी से जोड़कर फिर कांग्रेस को सत्ता के केंद्र में लाने की कोशिश में हैं। गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस खुद को मजबूत करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। तीन दशक तक लगातार जातिवादी राजनीति में उलझे रहने के बाद अब कांग्रेस को लगता है कि पंडित, पुजारी व महंतों के जरिए फिर ब्राह्मण नेता व मतबैंक को एकजुट किया जाए, ताकि पार्टी को सत्ता में लाया जा सके। जब कांग्रेस जातिवादी राजनीति में उलझी रही।

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कांग्रेस नेताओं की बैठक में बनेगी रणनीति

उधर,  भाजपा में अशोक भट्ट, नलिन भट्ट, हरेन पंड्या, हरिन पाठक जैसे ब्राह्मण नेताओं का उदय हुआ और कांग्रेस को अपना ही वोट बैंक का फार्मूला भारी पड़ गया। रघु शर्मा ब्रह्म सम्मेलन के जरिए पार्टी को ब्राह्मण मतदाताओं से जोड़ने का प्रयास करेंगे। कांग्रेस गांव व शहरों में पंडित, पुजारी, महंत के लोकसंपर्क का लाभ उठाना चाहती है। कांग्रेस ने तीन जनवरी को पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई है, जिसमें ब्राह्मण समाज को पार्टी के पक्ष में लाने पर विमर्श होगा। उत्तर प्रदेश में भाजपा ब्राह्मण मत बैंक को साध रही है, वहीं गुजरात में कांग्रेस ने भी इस पर मंथन शुरू किया है।

कांग्रेस नेताओं ने कही ये बात

प्रदेश कांग्रेस महासचिव निशीत व्यास बताते हैं कि पार्टी में कई ब्राह्मण दिग्गज नेता हुए। प्रबोध रावल, ब्रह्मकुमार भट्ट, हरिप्रसाद व्यास, डायाभाई नायक, कोकिला व्यास जैसे नेताओं की दलित, आदिवासी सहित अन्य समुदायों में भी अच्छी पकड़ थी। अहमदाबाद की साबरमती, रखियाल जैसी सीटों पर कांग्रेस के ब्राह्मण नेता चुनाव जीतते थे, लेकिन भाजपा ने जाति के आधार पर अब इन्हें अपना गढ़ बना लिया। पूर्व विधायक इन्द्रनील राज्यगुरु का कहना है कि ब्राह्मण समुदाय भाजपा के झूठे सुशासन व राष्ट्रवाद के नारों के झांसे में आ गया था। अब ब्राह्मण समाज को नारों की हकीकत समझ आ रही है। राज्यगुरु कहते हैं कि कांग्रेस ने हमेशा सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी और आज भी गरीब, किसान, पिछड़ों के हक के लिए खड़ी है।


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