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गुजरात विधानसभा में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी पर जमकर बरसे कांग्रेस विधायक, जानें क्‍या है मामला

गुजरात विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने राज्य सरकार को घेरने का प्रयास करते हुए पशु पालकों को किसानों का दर्जा देने की मांग की। विधायक का कहना है कि सासन गिर जंगल किसानों के लिए एक वरदान है नील गायों को यहां छोड़ने से नीलगाय फसलों को बर्बाद कर देंगी।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 23 Mar 2021 12:46 PM (IST)Updated: Tue, 23 Mar 2021 12:56 PM (IST)
गुजरात विधानसभा में मुख्यमंत्री विजय रुपाणी पर जमकर बरसे कांग्रेस विधायक, जानें क्‍या है मामला
कांग्रेस के तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री रुपाणी सरकार पर जमकर हमला बोला।

अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को गुजरात विधानसभा ( Gujarat Assemble session) में राज्य सरकार को घेरने का प्रयास किया। किसानों को कृषि लोन, नीलगायों को सासन गिर जंगल में छोड़ने के विरोध में तथा पशु पालकों को किसानों का दर्जा देने की मांग को लेकर कांग्रेस के तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी (Vijay Rupani) सरकार पर जमकर हमला बोला। 

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 कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक वीर जी ठुम्मर ने कहा की केंद्र सरकार ने नाबार्ड को किसानों को ऋण उपलब्ध कराने के लिए 13000 करोड़ रुपए की राशि उपलब्ध कराई लेकिन इसके बावजूद किसानों को निजी बैंकों से लो फीस दी की ब्याज दर पर ऋण लेना पड़ रहा है। गुजरात की सरकार ने किसानों को जीरो फीस भी ब्याज पर ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की तथा इसकी योजना भी तैयार की लेकिन यह पूरी तरह विफल साबित हुई। कांग्रेस के एक अन्य विधायक हर्षद रिबाडिया ने कहा कि गुजरात सरकार नील गायों को गांधीनगर से हटाकर सासन गिर जंगल में छोड़ने का प्रयास करती है तो किसान तथा कांग्रेस इसका विरोध करेंगे। 

 विधायक का कहना है कि सौराष्ट्र का सासन गिर जंगल किसानों के लिए एक तरह से वरदान है तथा नील गायों को यहां छोड़ने से नीलगाय उनकी फसलों को बर्बाद कर देंगी। सरकार अगर नीलगाय को सासन गिर जंगल में छोड़ने की अपनी योजना को वापस नहीं लेती है तो सौराष्ट्र का किसान सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।

  गौरतलब है कि राजधानी गांधीनगर में नील गायों के चलते कई बार सड़कों पर दुर्घटनाएं होती हैं। सरकार इन दुर्घटनाओं को टालने के लिए नील गायों को गांधीनगर से हटाकर प्रदेश के सबसे बड़े सासन गिर जंगल में छोड़ देना चाहती है जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है कांग्रेस इसे किसान विरोधी कदम बता रही है। उधर कांग्रेस के एक और विधायक लाखा भाई भरवाड ने कहा है कि प्रदेश के मालधारी अर्थात पशुपालकों को सरकार किसानों का दर्जा दे ताकि वे खेती योग्य जमीन की खरीद कर सके। भरवाड का कहना है कि माल धारियों को पशुपालक के रूप में पहचान मिली हुई है लेकिन सरकार उन्हें किसान नहीं मानती है अगर इस पशुपालक वर्ग को किसान का दर्जा मिल जाता है तो उन्हें खेती की जमीन खरीदने में आसानी होगी साथ ही पशुपालन को भी वह और बेहतर तरीके से कर सकेंगे।


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