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Gujarat: कच्छ में चार करोड़ की चरस बरामद

Gujarat पिछले एक साल में अरब सागर के किनारे गुजरात के कच्छ तट से तीन करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थों के 202 पैकेट जब्त किए गए। आइसीजी के एक इंटरसेप्टर क्राफ्ट ने तीन पैकेट चरस बरामद की जिसका वजन लगभग तीन किलो था जिसकी कीमत चार लाख रुपये थी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 26 Dec 2020 08:36 PM (IST)Updated: Sat, 26 Dec 2020 08:36 PM (IST)
Gujarat: कच्छ में चार करोड़ की चरस बरामद
गुजरात के कच्छ में चार करोड़ की चरस बरामद। फाइल फोटो

अहमदाबाद, प्रेट्र। Gujarat: गुजरात में भारतीय तटरक्षक बल (आइसीजी) की एक इंटरसेप्टर शिल्प ने शुक्रवार को कच्छ के जखौ क्षेत्र में समुद्र किनारे से चार पैकेट चरस बरामद की है, इसकी कीमत करीब चार लाख रुपये आंकी गई है। अब तक पिछले एक साल में अरब सागर के किनारे गुजरात के कच्छ तट से तीन करोड़ रुपये मूल्य के नशीले पदार्थों के 202 पैकेट जब्त किए गए हैं। आइसीजी के एक इंटरसेप्टर क्राफ्ट ने तीन पैकेट चरस बरामद की, जिसका वजन लगभग तीन किलो था, जिसकी कीमत चार लाख रुपये थी। विज्ञप्ति के मुताबिक, इंडियन कोस्ट गार्ड हाल के दिनों में गुजरात तट से मादक पदार्थों की बरामदगी में शामिल प्रमुख एजेंसी है।

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आधिकारिक बयान के अनुसार, तटरक्षक बल ने जखौ क्षेत्र में और इसके आसपास गश्त बढ़ा दी है, इसकी इंटरसेप्टर नौकाओं, इंटरसेप्टर शिल्प और एयर कुशन जहाजों को कड़ी चौकसी बनाए रखने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पहले पकड़े गए नशीले पदार्थों की श्रृंखला में यहां से तीन करोड़ रुपये (लगभग) के नशीले पदार्थों के 202 पैकेट सिर्फ आइसीजी ने बरामद किए हैं। आइसीजी, सीमा सुरक्षा बल, स्थानीय पुलिस और सीमा शुल्क ने पिछले एक साल में कच्छ तट से 1000 पैकेट से अधिक चरस बरामद की है।

गौरतलब है कि सूरत जिले के हजीरा में मंगलवार को एक कार्यक्रम में स्वदेश निर्मित इंटरसेप्टर (शत्रु को पकड़ने वाली) नौका को भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े में शामिल किया गया था। इस सी-454 नामक इस नौका को लार्सन एंड टर्बों ने अपने हजीरा संयंत्र में तैयार किया है। अब इस नौका का परिचालन आईसीजी के कमांडर तटरक्षक क्षेत्र (उत्तर-पश्चिम) के नियंत्रण में होगा। मंगलवार को आईसीजी कमांडर (एनडब्ल्यू) महानिरीक्षक राकेश पाल और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में सूरत के पुलिस आयुक्त अजय तोमर ने इसे आइसीजी के बेड़े में शामिल किया है। उथले पानी में 45 नॉट की गति करने में समर्थ यह नौका गश्‍ती बढ़ाएगी। साथ ही, ये घुसपैठ, तस्करी व अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा पर अवैध मत्स्यिकी जैसी गतिविधियों को रोकने में भी समर्थ होगी। सूरत के पुलिस आयुक्त और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अजय तोमर ने कहा कि “आईसीजी हमारे देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है कि इस नाव की गुणवत्ता से तट रक्षक की ताकत भी बढ़ेगी। मुख्य अतिथि तोमर ने बताया कि इंटरसेप्टर नाव गुजरात की 1,600 किलोमीटर लंबी समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। महानिरीक्षक राकेश पाल ने कहा कि इंटरसेप्टर बोट में इंजन, नेविगेशन प्रणाली के मामले में अत्याधुनिक है।


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