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मानहानि के मामले में राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला को नोटिस

Rahul Gandhi. अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला को मानहानि के मामले में 27 मई को अदालत में उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 04:04 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2019 04:04 PM (IST)
मानहानि के मामले में राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला को नोटिस
मानहानि के मामले में राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला को नोटिस

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात में अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को अहमदाबाद जिला सहकारी (एडीसी) बैंक द्वारा दाखिल मानहानि के मामले में 27 मई को अदालत में उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया है।

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एडीसी बैंक के चैयरमैन अजय पटेल ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था। उनकी याचिका पर स्थानीय अदालत ने शनिवार को दोनों मामलों में सुनवाई पूरी कर ली थी। सोमवार को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अजय गढवी ने राहुल व सुरजेवाला को 27 को अदालत में हाजिर होने का समन जारी किया। 

लोकसभा के चुनाव प्रचार के बीच अहमदाबाद की मेट्रो कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला को समन जारी किया है।

एडीसी बैंक के वकील अजीत सिंह जाडेजा ने अदालत को बताया कि आइपीसी की धारा 500 के तहत दोनों की टिप्पणी आपराधिक मानहानि के दायरे में आती है। दोनों मामलों में पांच-पांच गवाह पेश हुए तथा सबूत पेश किए गए। सुरजेवाला ने नोटबंदी के दौरान प्रेस काॅन्फ्रेंस करके आरटीआइ से मिली सूचना के आधार पर एडीसी बैंक में बड़ी संख्या में हजार व पांच के नोट जमा होने का आरोप लगाया था। वहीं, राहुल गांधी ने एडीसी बैंक में इस दौरान जमा धन पर टिप्पणी करते हुए इसे 745 करोड़ का घोटाला बताया था।

जानें, क्या है मामला
अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला के खिलाफ एक स्थानीय अदालत में आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। यह मामला 2016 में नोटबंदी के वक्त पांच दिन के भीतर करीब 750 करोड़ रुपये बदलने के घोटाले में बैंक के शामिल होने के उनके आरोपों से जुड़ा है।

शिकायतकर्ता एडीसीबी व उसके अध्यक्ष अजय पटेल की ओर से दाखिल याचिका में दलील दी गई कि दोनों नेताओं ने बैंक के खिलाफ आरोप लगाए। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट एस के गढवी ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत मामले में अदालती जांच का आदेश दिया था। 

राहुल गांधी व रणदीप सुरजेवाला ने कथित रूप से आरोप लगाए थे कि आठ नवंबर 2016 को 5,00 व 1,000 रुपये के नोट बंद करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के पांच दिन के भीतर एडीसीबी ने 745.59 करोड़ रुपये के पुराने नोट जमा किए। मुंबई के एक एक्टिविस्ट द्वारा दायर आरटीआइ पर नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि व ग्रामीण विकास बैंक) ने जवाब जारी किया था, जिसके बाद राहुल व सुरजेवाला ने आरोप लगाए थे।

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा था कि अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक के निदेशक बधाई हो। आपके बैंक ने पुराने नोटों को बदलकर नया करने में बाजी मार ली। पांच दिनों में 750 करोड़। एडीसीबी व पटेल ने अपने वकील एसवी राजू के जरिए अदालत के समक्ष अर्जी में कहा कि दोनों कांग्रेस नेताओं की ओर से दिया गया बयान झूठा था, क्योंकि बैंक ने इतनी बड़ी राशि बदली ही नहीं।


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