गुजरात विधानसभा उपचुनाव में जबरदस्त जीत के बाद, निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे रुपाणी
गुजरात विधानसभ चुनाव में शानदार जीत दर्ज करने के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने आगामी निकाय चुनाव की रणनीति पर काम शुरु कर दिया है। गुजरात में 6 महानगर पालिका डेढ़ सौ से अधिक नगरपालिका तथा 33 जिला पंचायतों के चुनाव होने हैं।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। विधानसभा उपचुनाव में जबरदस्त जीत के बाद मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मंत्रिमंडल की बैठक करेंगे जिसमें कोरोना महामारी, आगामी निकाय चुनाव की रणनीति तथा केंद्रीय राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री रुपाणी तथा भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सियार पार्टी की जोड़ी ने हाल ही में विधानसभा की 8 सीट पर हुए उपचुनाव में सभी सीटों पर जीत दर्ज कर अपने नाम एक बड़ी उपलब्धि दर्ज कर ली है। गुजरात के राजनीतिक इतिहास में रुपाणी व पाटिल की जोड़ी का यह स्वर्णिम पन्ना कहा जाएगा।
आगामी निकाय चुनाव की रणनीति पर काम शुरु
रुपाणी अब इस चुनावी जीत के बाद पूरी तरह फॉर्म में आ गए हैं तथा आगामी निकाय चुनाव की रणनीति पर काम शुरु कर दिया है। भाजपा अध्यक्ष सी आर पाटिल ने पहले ही साफ कर दिया है कि अब भाजपा में किसी भी कांग्रेस नेता की एंट्री नहीं होने वाली है। साल के अंत में गुजरात में 6 महानगर पालिका डेढ़ सौ से अधिक नगरपालिका तथा 33 जिला पंचायतों के चुनाव होने हैं। भारतीय जनता पार्टी तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस दोनों ही दल निकाय चुनाव के लिए पूरी तरह तैयार हैं लेकिन दीपावली व नव वर्ष के त्योहार के बाद कोरोना के संक्रमण में आई तेजी निकाय चुनाव की तैयारियों को पलीता लगा सकती है।
स्कूल कॉलेज खोलने के निर्णय पर गंभीरता से विचार
मुख्यमंत्री रुपाणी तथा उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल आगामी 23 नवंबर से राज्य में स्कूल कॉलेज खोलने की पहले ही घोषणा कर चुके हैं लेकिन दिल्ली में एक बार फिर आई कोरोना की लहर के चलते इस मंत्रिमंडल की बैठक मैं गुजरात में कोरोना की स्थिति की भी समीक्षा की जाएगी। स्कूल कॉलेज खोले जाएं अथवा नहीं इस पर भी सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चौटाला ने पहले ही साफ कर दिया है कि सरकार ने काफी सोच-समझकर तथा विशेषज्ञों से राय मशविरा करने के बाद ही स्कूल कॉलेज खोलने का निर्णय किया है।
जीत के बाद उत्साहित है भाजपा
भारतीय जनता पार्टी गुजरात में विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद काफी उत्साहित है, उसका पहला कारण यह भी है कि ग्रामीण इलाके में पार्टी को मिली इस प्रचंड जीत के मायने यह भी निकाले जा सकते हैं कि सरकार से किसानों की नाराजगी बहुत अधिक नहीं थी। हालांकि सरकार फसल बीमा तथा फसल का समर्थन मूल्य की मांग को लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री रुपाणी खुद कह चुके हैं कि 8 विधानसभा की सीटें विविध वर्ग से आती है जिसमें दलित आदिवासी मुस्लिम ग्रामीण तथा कस्बाई इलाका आता है। सभी वर्ग से भाजपा को जबरदस्त समर्थन मिला है जो इस बात को दर्शाता है कि लगातार ढाई दशक के शासन के बावजूद प्रदेश के लोगों में पार्टी व नेताओं के प्रति विश्वास कायम है।