पीड़िता से विवाह कर दुष्कर्म का आरोपी बरी, जल्दबाजी व गुस्से में दर्ज करवायी थी FIR
गुजरात में दुष्कर्म के आरोपी ने पीड़िता से विवाह कर लिया जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में दर्ज हुई एफआइआर को रद करने का आदेश दे दिया।
अहमदाबादा, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में दुष्कर्म के आरोपी व पीड़िता ने आपस में समझौता कर विवाह कर लिया जिसके बाद हाईकोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया को व्यर्थ बताते हुए इस मामले की पुलिस एफआइआर को रद करने का आदेश किया है। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट, दुष्कर्म व अपहरण की धाराओं के तहत केस दर्ज था। उसने पीड़िता के साथ शादी के दस्तावेज कोर्ट के समक्षपेश किये थे।
गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ए सी जोशी ने उच्चतम न्यायालय के नरेंद्र सिंह वर्सेज पंजाब के एक फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि हत्या, दुष्कर्म, लूट जैसे जघन्य व गंभीर मामलों में कोर्ट फरियाद को रद नहीं करती है। भले पीड़ित पक्ष का आरोपी के साथ समाधान हो गया हो लेकिन यह मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से सुसंगत नहीं होने के बावजूद आरोपी व पीड़ित के विवाह कर लेने के चलते हाईकोर्ट आरोपी की ओर से दायर क्वॉशिंग पिटीशन को मान्य करती है।
गौरतलब है कि वडोदरा में जून 2017 में पुलिसकर्मी पर एक 15 वर्षीय किशोरी के साथ दुष्कर्म करने का आरोप लगा था। पीड़िता की शिकायत पर उसके खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया लेकिन गत जुलाई 2020 में आरोपी ने पीड़िता के साथ विवाह कर लिया तथा उसके दस्तावेज हाईकोर्ट के समक्ष पेश कर दुष्कर्म की शिकायत को रद करने की मांग की। हाईकोर्ट ने माना कि अब इस केस की ट्रायल चलाना एक व्यर्थ की प्रक्रिया है। इससे न्याय को कोई हेतु सिद्ध नहीं होगा। आरोपी ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया कि जल्दबाजी व गुस्से में यह एफआईआर दर्ज करा दी गई थी लेकिन अब संबंधी व मित्रों की समझाइश के बाद उन दोनों ने आपस में विवाह कर लिया है। जिसका प्रमाण पत्र भी अदालत के समक्ष पेश किया।