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डेनमार्क और वेल्स के बीच यूरो कप के नॉकआउट के आगाज मैच में होगी जंग

Euro Cup 2020 के पहले नॉकआउट मैच में डेनमार्क का सामना वेल्स से होगा। डेनमार्क की टीम ने जहां क्रिस्टियन एरिक्सन की चोट से प्रेरणा ली है जबकि वेल्स के अहम खिलाड़ी मुकाबले से बाहर रहेंगे। हालांकि कप्तान से काफी उम्मीद होगी।

By Vikash GaurEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 07:55 AM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 07:55 AM (IST)
डेनमार्क और वेल्स के बीच यूरो कप के नॉकआउट के आगाज मैच में होगी जंग
डेनमार्क और वेल्स के बीच होगा रोमांचक मैच

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। पहले मैच में ही टीम के एक खिलाड़ी को बीच मैदान में दिल का दौरा पड़ जाता है और टीम का मनोबल टूट कर बिखर जाता है। पूरे विश्व जगत भर से डेनमार्क के खिलाड़ी क्रिस्टियन एरिक्सन के लिए प्रार्थनाओं का तांता सा लग जाता है। इस भावुक घटना के बावजूद डेनमार्क की टीम बिखरी नहीं और इस दर्द को दिल मे दबाकर मैदान में दमदार वापसी करती है। पिछले मैच में रूस को 4-1 से हराकर नाकआउट में प्रवेश करने वाली डेनमार्क अब फुटबाल के मिनी विश्व कप में एक बार फिर इसी दर्द से प्रेरणा लेकर पहली बार टूर्नामेंट में वेल्स का सामना करने के लिए तैयार है।

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इससे इतर वेल्स टीम के कोच राब पेज ने नाकआउट में जगह बनाने के बाद टीम में कुछ बदलाव किए और उसमें भी उन्हें सफलता मिली है। पिछले मैच में इटली से मिली हार के बाद वेल्स की टीम जीत की पटरी पर वापसी करने के लिए पूरा जोर लगा देगी।

वेल्स को खलेगी अम्पाडु की कमी

वेल्स की टीम को इस मैच में अपने युवा खिलाड़ी एथन अम्पाडु की कमी खलेगी, जिन्हें पिछले मैच में इटली के खिलाफ मैच में रेफरी ने फाउल करने पर सीधे रेड कार्ड दिखा दिया था। इसके साथ ही वह यूरो कप टूर्नामेंट में सीधे रेड कार्ड पाने वाले सबसे युवा ( 20 साल 279 दिन की उम्र) खिलाड़ी बन गए थे। हालांकि निलंबन के चलते वह इस महत्वपूर्ण मैच में खेलते हुए नजर नहीं आएंगे।

वेल्स को कप्तान बेल से उम्मीदें

वेल्स के कप्तान गेरेथ बेल से वेल्स के प्रशंसको को काफी उम्मीदें होंगी। उन्होंने पिछले यूरो कप 2016 में 33 गोल दागे थे, जिसके चलते टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था और उसे पुर्तगाल के खिलाफ 0-2 से हारकर बाहर होना पड़ा था। ऐसे में एक बार फिर वेल्स की टीम नाकआउट से आगे जाने के लिए दमखम लगा देगी।

एरिक्सन की घटना बनी जीत की प्रेरणा

डेनमार्क की टीम की बात करें तो क्रिस्टियन एरिक्सन की घटना के बाद से साइमन कजेर की कप्तानी वाली टीम में काफी उत्साह और जोश नजर आ रहा है। इसके चलते उन्होंने नाकआउट तक का सफर तय किया। उनके कोच कैस्पर हुलमंड ने इस बात को नाकआउट मैच से पहले स्वीकार भी किया। कैस्पर ने कहा, 'मैं क्रिस्टियन के बारे में काफी कुछ सोचता हूं। वह अगले सत्र की वापसी पर नजर बनाए हुए हैं। उनका हमारे साथ ना होना काफी कचोटता है।'

वही डेनमार्क की टीम में स्ट्राइकर कीफर मूर की वापसी हो सकती है। जबकि एरिक्सन की जगह डेनमार्क के कोच कैस्पर हुलमंड के पास कई विकल्प अंतिम एकदश में शामिल करने के लिए मौजूद हैं।

इस मैच की विजेता टीम तीन जुलाई को होने वाले क्वार्टर फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड्स और चेक गणराज्य के बीच होने वाले मैच की विजेता टीम से भिड़ेगी।

इटली की निगाहें रिकार्ड पर

 देर रात खेले जाने अन्य मुकाबले में लंदन के वेंबले स्टेडियम में इटली का सामना आस्टि्रया से होगा। पिछले 30 मैचों में जीत दर्ज करने वाली इटली के सामने आस्टि्रया की राह आसान नहीं होने वाली है। इटली की टीम काफी शानदार लय में चल रही है और उसने लीग चरण के तीनों मैचों में जीत हासिल की है, जबकि एक भी गोल नहीं खाया है। इस विजयी क्रम को जारी रखते हुए वह क्वार्टर फाइनल में प्रवेश करना चाहेगी। वहीं आस्टि्रया की टीम पहली बार यूरो कप के नाकआउट मुकाबले में पहुंची है। इन दोनों टीमों के बीच अभी तक कुल पांच मैच खेले जा चुके हैं, जिसमें तीन बार इटली ने जीत हासिल की है, जबकि दो मैच ड्रा रहे हैं। इटली की टीम पिछले 11 मैचों में यानी 1,055 मिनत तक के खेल में एक भी गोल नहीं खाई है। ऐसे में अगर इस मैच में भी आस्टि्रया गोल नहीं कर पाती है तो वह 1972 से 1974 तक के 1,143 मिनट तक एक भी गोल ना खाने के रिकार्ड को पीछे छोड़ देगी।


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