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सुनील छेत्री ने 80वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर मेसी की बराबरी की, भारत ने जीता सैफ चैंपियनशिप का खिताब

सुनील छेत्री ने सैफ फुटबाल चैंपियनशिप में पांच गोल दागकर भारत को आठवां खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन उन्होंने टीम की जीत का श्रेय युवा खिलाड़ियों को दिया। अपने करियर का 80वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर अर्जेटीना के दिग्गज स्ट्राइकर लियोन मेसी की बराबरी की।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sun, 17 Oct 2021 08:26 PM (IST)Updated: Sun, 17 Oct 2021 08:26 PM (IST)
सुनील छेत्री ने 80वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर मेसी की बराबरी की, भारत ने जीता सैफ चैंपियनशिप का खिताब
भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री (एपी फोटो)

माले, प्रेट्र। करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री ने सैफ फुटबाल चैंपियनशिप में पांच गोल दागकर भारत को आठवां खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाई लेकिन उन्होंने टीम की जीत का श्रेय युवा खिलाड़ियों को दिया। पिछले 10 साल से भारत के शीर्ष फुटबाल खिलाड़ी रहे 37 साल के छेत्री ने शनिवार को खिताबी मुकाबले में नेपाल के खिलाफ पहला और अपने करियर का 80वां अंतरराष्ट्रीय गोल दागकर अर्जेटीना के दिग्गज स्ट्राइकर लियोन मेसी की बराबरी की।

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छेत्री ने कहा, 'युवाओं के लिए अच्छा लग रहा है। यह उनकी कड़ी मेहनत के कारण ही संभव हो पाया। फाइनल तक हम 20 दिन यहां थे, हमने इस दौरान रोजाना अभ्यास सत्र और मैचों में हिस्सा लिया। यह जीत विशेष है क्योंकि पहले दो मैचों में हमारा प्रदर्शन इतना अच्छा नहीं था। हम जिस स्थिति में थे उससे निकलना और हमने जैसा प्रदर्शन किया, वैसा प्रदर्शन करना आसान नहीं था।'

छेत्री तीसरी बार सैफ चैंपियनशिप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे हैं। वह इससे पहले 2011 और 2015 में भी इस क्षेत्रीय टूर्नामेंट को जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य थे। टूर्नामेंट में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी और पहले दो मैचों में उसे बांग्लादेश (1-1) और श्रीलंका (0-0) ने बराबरी पर रोका। छेत्री ने भारत के आठ में से पांच गोल दागे। उन्होंने शनिवार को गोल करने वाले भारत के दो अन्य खिलाडि़यों सुरेश सिंह और सहल अब्दुल समद की भी तारीफ की। कप्तान ने कहा, 'मैंने सहल को खेलते हुए देखने का लुत्फ उठाया। सुरेश, आपने जैसे गोल किया उसे आदत बनाओ।' वहीं,

मुख्य कोच इगोर स्टिमक को लीग मैच में मालदीव के खिलाफ लाल कार्ड दिखाए जाने के बाद खिताबी मुकाबले के लिए डगआउट से प्रतिबंधित किया गया था। स्टिमक ने कहा, 'लड़कों ने कर दिखाया।' स्टिमक जिरी पेसेक (1993) और स्टीफन कोंसटेनटाइन (2015) के बाद तीसरे विदेशी कोच हैं जिन्होंने भारतीय टीम के साथ खिताब जीता है। भारत ने इस ट्राफी को टीम के दो चोटिल साथियों फारुख चौधरी और ब्रेंडन फनरंडिस को समर्पित किया जो मैदान पर नहीं आ पाए। मंदार राव देसाई और ग्लेन मार्टिंस ब्रेंडन की जर्सी साथ लेकर पहुंचे जबकि राहुल भेके ने पोडियम पर फारुख की जर्सी पहनी। इस खिताबी जीत के साथ भारत ने इस क्षेत्रीय टूर्नामेंट में अपना दबदबा बरकरार रखा। भारत 13 बार टूर्नामेंट में हिस्सा लेते हुए 12 बार फाइनल में जगह बनाने में सफल रहा है।


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