सुनील छेत्री की जगह कोई नहीं ले सकता : इगोर स्टिमक
भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमक को लगता है कि करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री 29 साल के खिलाड़ी की तरह खेल रहे हैं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमक को लगता है कि करिश्माई कप्तान सुनील छेत्री 29 साल के खिलाड़ी की तरह खेल रहे हैं और अगले कुछ वर्षो तक उनकी जगह कोई नहीं ले सकता।
हाल के वर्षो में 35 साल के छेत्री ने शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन सितंबर में ओमान के खिलाफ मिली 1-2 की हार में भारत के लिए एकमात्र गोल करने के बाद वह 2022 फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग अभियान के पिछले तीन मैचों में गोल नहीं कर सके। यह पूछने पर कि क्या भविष्य में छेत्री की जगह लेने के लिए उन्होंने भारत में कोई खिलाड़ी ढूंढ लिया है तो स्टिमक ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि लोग सुनील की जगह लेने का जिक्र क्यों करते हैं। वह कहीं नहीं जा रहा। वह फिट है और शानदार कर रहा है। वह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण खिलाड़ी है। वह 29 साल के खिलाड़ी की तरह फिट है। जब तक वह ऐसे ही ट्रेनिंग कर रहा है और भारतीय टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहा है, वह हमारे साथ रहेगा। मैं आपको यह आश्वस्त कर सकता हूं।'
उन्होंने कहा, 'उसके (सुनील) पास कुछ अच्छे मौके थे, अफगानिस्तान के खिलाफ भी एक मौका था और सामान्य रूप से सुनील 10 में से नौ बार गोल करता है। लेकिन ऐसा उस दिन नहीं होता, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उसके खेल में कुछ बदलाव हुआ है। यह फुटबॉल में होता है।'
हम निराश होकर स्वदेश लौटे : स्टिमक ने कहा कि वे पिछले कुछ मैचों में टीम के प्रदर्शन से निराश हैं और विश्व कप की दौड़ से टीम के बाहर होने का मुख्य कारण उन्होंने अहम खिलाडि़यों की चोट को बताया। उन्होंने कहा, 'पिछले दो मैचों के बाद हम कुछ निराश होकर स्वदेश लौटे हैं, लेकिन इससे इस पर हमारा भरोसा नहीं डिगा है कि हम क्या कर सकते हैं। विरोधी और मौसम को लेकर हमें बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। चोटों की समस्या सबसे बड़ा मुद्दा थी। सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ी संदेश झिंगन, रोवलिन बोर्गेस और अमरजीत सिंह की सेवाएं नहीं मिली और इसके बाद शुरुआती मैचों में प्रणय हलधर भी नहीं खेला। ओमान मैच के दौरान वह चोटिल भी हो गया, इन सभी का नतीजे पर असर पड़ा।'
फीफा विश्व कप क्वालीफाइंग में भारतीय खिलाडि़यों के कम गोल दागने पर कोच ने कहा, 'क्या आप किसी भी क्लब के खिलाड़ी का नाम ले सकते हैं जिसके पास भारतीय पासपोर्ट है और वह गोल दाग रहा है? आप यह उम्मीद क्यों कर रहे हो कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल करेंगे जबकि घरेलू लीग में भी हमारा कोई स्ट्राइकर गोल नहीं कर रहा। मैं रोज खिलाडि़यों के साथ काम नहीं करता। मैं सिर्फ मैच से पांच दिन पहले उनके साथ काम करता हूं, लेकिन महत्वपूर्ण चीज यह है कि हम मौके बना रहे हैं।'