चीन में पहली बार खेलेगी भारतीय फुटबॉल टीम, 21 साल बाद दोनों का होगा मुकाबला
भारत व चीन के बीच शनिवार एक दोस्ताना मुकाबला होने जा रहा है।
सुझोऊ (चीन), प्रेट्र। अरबों की आबादी लेकिन विश्व के सर्वाधिक लोकप्रिय खेल में भारत और चीन की फुटबॉल टीमें अब तक फिसड्डी साबित हुई हैं। इन्हीं दोनों टीमों के बीच शनिवार एक दोस्ताना मुकाबला होने जा रहा है। चीन पहली बार अपने घरेलू मैदान पर भारतीय फुटबॉल टीम की मेजबानी करेगा जबकि 21 वर्षो बाद दोनों टीमें फुटबॉल के मैदान पर आमने-सामने होंगी।
भारत की सीनियर टीम ने 17 बार चीन से मुकाबला किया है लेकिन उसे अब तक अपनी पहली जीत का इंतजार है। इस दौरान 12 मुकाबले चीन ने जीते हैं जबकि पांच ड्रॉ रहे हैं। भारत में चीन की टीम सात बार खेल चुकी है और यह सभी मुकाबले नेहरू कप के दौरान खेले गए हैं। पिछली बार दोनों टीमें कोच्चि में 1997 में नेहरू कप के दौरान एक-दूसरे से भिड़ी थीं जहां चीन 2-1 से विजयी रहा था। विश्व की कुल जनसंख्या की एक तिहाई आबादी भारत और चीन में बसती है। दोनों देश तेजी से आगे बढ़ रहे हैं और विश्व की अर्थव्यवस्था में दोनों के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। हालांकि विश्व फुटबॉल में भारत और चीन कुछ खास मुकाम नहीं हासिल कर पाए हैं। फीफा विश्व कप में आज तक भारत नहीं खेल पाया है जबकि चीन को 2002 के इकलौते आयोजन में खेलने का मौका मिला था जहां वह ग्रुप चरण में अपने सभी तीनों मुकाबले हार गया था। हालांकि एशिया में चीन एक अच्छी फुटबॉल टीम का रुतबा रखता है। चीन लगातार एशिया की शीर्ष-10 और विश्व की शीर्ष-100 टीमों में शुमार रहा है। मौजूदा समय में उसकी विश्व रैंकिंग 76वीं है जबकि एशिया में वह सातवें नंबर की टीम है। एशियन कप में चीन ने 11 बार भाग लिया है जहां वह दो बार उपविजेता रहा।
दूसरी तरफ भारतीय टीम केवल तीन बार एशियन कप (1964, 1984 और 2011) में भाग लिया है। 1964 में वह उप विजेता रही थी। हाल ही में लंबे समय बाद भारत ने फीफा विश्व रैंकिंग के शीर्ष-100 टीमों में जगह बनाई। फिलहाल वह फीफा रैंकिंग में 97वें और एशियन रैंकिंग में 15वें स्थान पर है। भारतीय टीम चीन में आगामी एशियन कप की तैयारियों के सिलसिले में खेलने गई है।
हारे तब भी सीखने का प्रयास करेंगे : इस अहम मुकाबले से पहले भारतीय टीम के कोच स्टीफन कोंस्टेनटाइन ने कहा कि हमें पता है कि एशिया में चीन एक मजबूत टीम है। वह गेंद पर कब्जा जमाए रखना और आक्रामक खेल खेलना चाहती है। इन सबके बावजूद हम जीत के लिए मैदान में उतरेंगे लेकिन अगर हम हारते हैं तब भी हम इसके सकारात्मक पहलू खोजने का प्रयास करेंगे। वहीं भारतीय टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने कहा कि हम उन्हें ज्यादा समय नहीं दे सकते हैं और जब भी हमें थोड़ा सा भी मौका मिलेगा, हमें इसका फायदा उठाकर हमला बोलना होगा।
चार स्थानापन्न खिलाडि़यों को मंजूरी
कुआलालंपुर। अगले साल होने वाले एशियन कप फुटबॉल टूर्नामेंट में टीमें चार स्थानापन्न खिलाडि़यों का प्रयोग कर सकेंगी। एशियन फुटबॉल कन्फेडरेशन (एएफसी) ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी कि जब खेल अतिरिक्त समय में जाएगा तब टीमें चौथे स्थानापन्न खिलाड़ी का प्रयोग कर सकेंगी। चौथे स्थानापन्न खिलाड़ी को पिछले फीफा विश्व कप में भी खिलाने की मंजूरी मिली थी। एएफसी के प्रमुख शेख सलमान बिन इब्राहिम अल खलीफा ने कहा कि मुझे विश्वास है कि नए नियम के जुड़ने से आगामी एशियन कप में रोमांच और बढ़ेगा। यह नियम अगले हफ्ते से शुरू हो रहे अंडर-19 महिला एशियन चैंपियनशिप और 2020 में होने वाली एएफसी अंडर-23 चैंपियनशिप में भी लागू होगा। पिछले विश्व कप में जुलाई में स्पेन के खिलाफ मुकाबले में रूस के मिडफील्डर एलेक्जेंडर इरोकिन चौथे स्थानापन्न खिलाड़ी बनने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने थे।