भारत में फुटबॉल के विकास के लिए फ्रांस तैयार
एलएफपी के सीईओ क्विलोट ने कहा कि भारतीय निवेशक लीग-1 में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
अभिषेक त्रिपाठी, पेरिस। विश्व चैंपियन फ्रांस के फुटबॉलरों का शोर पूरी दुनिया में सुनाई दे रहा है। राष्ट्रीय टीम से लेकर घरेलू क्लबों में खेल रहे यहां के खिलाड़ी पूरी दुनिया में अपनी चमक बिखेर रहे हैं। वहीं क्रिकेट प्रेमी भारत इस खेल में तरक्की तो कर रहा है लेकिन उसकी गति बहुत धीमी है। हालांकि अब भारत के प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी फ्रांस में जाकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकते हैं।
ली डे फुटबॉल प्रोफेशनल (एलएफपी) के सीईओ दिदिएर क्विलोट ने भारतीय निवेशकों को वहां के क्लबों में निवेश करने और भारत के प्रतिभाशाली युवा खिलाडि़यों को वहां आकर अपना जौहर दिखाने का प्रस्ताव दिया है। क्विलोट ने कहा हम (फ्रांस) अकादमियों के लिए भारत में विशेषज्ञ ला सकते हैं और वहां के कुछ खिलाडि़यों को प्रणाली के माध्यम से यहां बुला सकते हैं।
एलएफपी के सीईओ क्विलोट ने कहा कि भारतीय निवेशक लीग-1 में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। फ्रांस युवा प्रतिभा को तराशने के लिए दुनिया का सबसे अच्छा देश है। फ्रांसीसी फुटबॉल क्लब ओजीसी नीस को चीनी और अमेरिकी निवेशकों के एक समूह द्वारा खरीदे जाने और लास एंजलिस डोजर्स के पूर्व मालिक फ्रैंक मैककोर्ट द्वारा मार्सेली को खरीदने का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयों को फ्रांस में वैसा ही करना चाहिए जैसा चीनी निवेशकों ने किया है। ये वे दो फ्रांसीसी क्लब हैं जिनके स्वामित्व में पिछले दो से तीन वषरें में बदलाव आया है। फ्रेंच क्लब अभी भी नए शेयरधारकों की तलाश कर रहे हैं। हम भारत के निवेशकों का स्वागत करते हैं। चीन और अमरीका के साथ भारत हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल है, क्योंकि ये दुनिया के तीन सबसे बड़े देश हैं। पेरिस सेंट जर्मेन का उदाहरण सबके सामने है। कतर के निवेश के बाद यह क्लब कहां से कहां पहुंच गया। इससे क्लब और निवेशक दोनों को फायदा हुआ।
उन्होंने कहा कि जहां तक हमारे भारत जाने की बात है तो हम सही पार्टनर की तलाश में हैं। भारत मे बहुत प्रतिभा है लेकिन जब तक अच्छा पार्टनर नहीं मिलता तब तक हम भारत मे आगे नहीं बढ़ सकते। इसमें कोई सक नहीं कि भारत और चीन हमारे लिए बड़ी मार्केट हैं और हमने चीन में काफी कुछ प्राप्त भी किया है लेकिन भारत अभी हमसे दूर है। भारत मे जमीनी स्तर पर बहुत काम करने की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो वहां भी फुटबॉल को बढ़ाया जा सकता है।
युवा प्रतिभाओं को तैयार और उनके विकास को लेकर उन्होंने कहा कि खिलाडि़यों की गुणवत्ता के संदर्भ में कहूंगा कि फ्रांस 2018 का विश्व चैंपियन है और मुझे लगता है कि युवा प्रतिभाओं को तैयार करने में फ्रांस दुनिया का सबसे अच्छा देश है। उदाहरण के तौर पर कायलियन एमबापे हैं जिनके बारे में महान पेले ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के लिए केवल एमबापे ही इकलौते विकल्प हैं। हम सभी को लगता है कि वह क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोन मेसी के बाद दुनिया का नंबर एक खिलाड़ी होगा। हमारे (फ्रांस) पास एंटोनी ग्रीजमैन भी है, जो एक बड़ा खिलाड़ी है। बार्सिलोना का उस्माने डेंबले, मैनचेस्टर युनाइटेड के पॉल पोग्बा, ये सभी बड़े खिलाड़ी हैं और इन सब ने फ्रांस में प्रशिक्षण हासिल किया था।
साथ ही क्विलोट ने कहा कि लीग-1 के क्लबों को चैंपियंस लीग में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत है। पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) को मैनचेस्टर युनाइटेड ने चैंपियंस लीग में हराया था और लीग-1 यूरोपा की सर्वश्रेष्ठ लीग नहीं है। पीएसजी, ल्योन, एएस मोनाको और मार्सेली जैसे क्लबों को चैंपियंस लीग में बेहतर प्रदर्शन करना होगा।