महज 49 साल की उम्र में पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान कार्लटन चैपमैन का हुआ निधन
चैपमैन को रविवार की रात को बेंगलुरु में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली। बेंगलुरु के चैपमैन देश के जाने-माने मिडफील्डर थे। पूर्व भारतीय कप्तान बाइचूंग भूटिया ने अपने साथी के निधन पर दुख जताया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान कार्लटन चैपमैन का सोमवार को बेंगलुरु में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 49 वर्ष के थे। चैपमैन को रविवार की रात को बेंगलुरु में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार तड़के उन्होंने अंतिम सांस ली।बेंगलुरु के चैपमैन देश के जाने-माने मिडफील्डर थे।
एक समय चैपमैन के साथी रहे ब्रूनो कौटिन्हो ने कहा, 'मुझे बेंगलुरु से उनके एक दोस्त ने फोन पर बताया कि चैपमैन अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। उनका निधन हो गया। वह हमेशा खुश रहने वाले इंसान थे और दूसरों की मदद के लिए तैयार रहते थे।'
टाटा फुटबॉल अकादमी से निकले चैपमैन 1993 में ईस्ट बंगाल से जुड़े थे और उन्होंने उस साल एशियाई कप विनर्स कप के पहले दौर के मैच में इराकी क्लब अल जावरा के खिलाफ टीम की 6-2 से जीत में हैट्रिक लगाई थी। उन्होंने आइएम विजयन और बाईचुंग भूटिया के साथ मजबूत संयोजन तैयार किया था। चैपमैन बाद में एफसी कोच्चि से जुड़े लेकिन एक सत्र बाद ही 1998 में ईस्ट बंगाल से जुड़ गए थे।
Carlton Chapman always played with a smile on his face, recall former teammates 🙏
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ईस्ट बंगाल के साथ उन्होंने कलकत्ता प्रीमियर लीग (1993, 1998-2000), आइएफए शील्ड (1994, 2000), डुरंड कप, रोवर्स कप, कलिंगा कप की ट्रॉफियां जीती। घरेलू स्तर पर चैपमैन ने बंगाल के साथ संतोष ट्रॉफी (1993-94, 1998) जीती। उन्होंने इसके अलावा 1999 और 2000 में भी राज्य का प्रतिनिधित्व किया।
नंबर गेम - -
1995 से 2001 तक मिडफील्डर चैपमैन भारत की तरफ से खेले- 1997 में चैपमैन की कप्तानी में भारतीय टीम ने सैफ कप जीता था क्लब स्तर पर उन्होंने ईस्ट बंगाल और जेसीटी मिल्स जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व किया।
1995 में चैपमैन ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जेसीटी के साथ किया। उन्होंने पंजाब स्थित क्लब की तरफ से 14 ट्रॉफियां जीती थी। इनमें 1996-97 में पहली राष्ट्रीय फुटबॉल लीग (एनएफएल) भी शामिल है।
2001 में चैपमैन की अगुआई में ईस्ट बंगाल ने एनएफएल जीता था- 39 मैच चैपमैन ने भारत के लिए खेले और छह गोल किए, जिसमें से पांच गोल तब किए जब वह टीम के कप्तान थे। 49 वर्षीय चैपमैन भारत की उस टीम का हिस्सा थे जिसने सैफ खेल (1995), नेहरू कप (1997) और सैफ चैंपियनशिप (1999) में जीत हासिल की थी