Move to Jagran APP

Euro 2020: इटली का रोम- रोम खिला, पिछड़ने के बाद ट्रॉफी पर कैसा जमाया कब्जा

इटली ने रविवार की रात को फाइनल में इंग्लैंड को पेनाल्टी शूट आउट में 3-2 से हराकर यूरो कप का खिताब जीता। दोनों टीमें निर्धारित और अतिरिक्त समय तक 1-1 से बराबरी पर थीं जिसके बाद पेनाल्टी शूट आउट में इटली जीत गया।

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 11:03 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 11:03 PM (IST)
Euro 2020: इटली का रोम- रोम खिला, पिछड़ने के बाद ट्रॉफी पर कैसा जमाया कब्जा
इटली ने टीम के खिलाड़ी- फोटो ट्विटर पेज

लंदन, एपी। जब यूरो कप का फाइनल शुरू हुआ तब इंग्लैंड के प्रशंसक ट्राफी को लेकर कह रहे थे कि इट्स कमिंग होम (यह घर आ रही है), क्योंकि क्रिकेट की तरह ही इंग्लैंड फुटबाल का भी जनक माना जाता है, लेकिन मैच खत्म होने के बाद इटली के प्रशंसक ट्राफी को लेकर लंदन की सड़कों पर चिल्ला रहे थे कि इट्स कमिंग रोम (यह रोम आ रही है)। इसके बाद इटली की राजधानी का यह शहर खिताबी जीत के जश्न में डूब गया।

loksabha election banner

टीम जब ट्राफी जीतने के बाद सोमवार को रोम लौटी तो प्रशंसक कार के हार्न बजाकर अपनी खुशी व्यक्त कर रहे थे। इटली की फुटबाल में सुखद वापसी हो गई, लेकिन इंग्लैंड का 55 साल से खिताब का इंतजार बदस्तूर जारी रहा। इटली ने रविवार की रात को फाइनल में इंग्लैंड को पेनाल्टी शूट आउट में 3-2 से हराकर यूरो कप का खिताब जीता। दोनों टीमें निर्धारित और अतिरिक्त समय तक 1-1 से बराबरी पर थीं, जिसके बाद पेनाल्टी शूट आउट में इटली जीत गया। जीत के बाद इटली के खिलाड़ी गोलपोस्ट के नेट को काटकर सुनहरी यादों के तौर पर अपने साथ ले गए। इटली ने 53 साल बाद दूसरी बार यह ट्राफी जीती। इससे पहले उसने 1968 में यूरो कप जीता था।

डोनारूमा ने तोड़ा सपना :

इटली के गोलकीपर जियानलुइगी डोनारूमा ने अपनी बायीं तरफ डाइव लगाकर बुकायो साका का शाट रोका और इस तरह से इंग्लैंड को अपने पसंदीदा वेंबले स्टेडियम में लगातार तीसरी बार पेनाल्टी शूट आउट में नाकामी हाथ लगी। डोनारूमा ने फाइनल में भी दो पेनाल्टी बचाई और सेमीफाइनल में भी स्पेन के खिलाफ दो पेनाल्टी बचाकर टीम को खिताबी मुकाबले में पहुंचाया था। उनके रहते टीम पांच बार पेनाल्टी शूट आउट खेली और पांचों बार जीत मिली, जिसमें तीन मैच क्लब व दो मैच राष्ट्रीय टीम के थे।

नहीं थी अच्छी स्थिति :

चार साल पहले ही इटली की फुटबाल की स्थिति अच्छी नहीं थी। वह छह दशक में पहली बार फीफा विश्व कप में जगह बनाने में असफल रहा था। अब वह यूरोप की सर्वश्रेष्ठ टीम है। वहीं, इंग्लैंड पिछले 55 वर्षो में पहली बार किसी बड़े टूर्नामेंट (यूरो कप/विश्व कप) का फाइनल खेल रहा था। उसने 1966 में विश्व कप में जीत के बाद कोई बड़ा खिताब नहीं जीता।

पेनाल्टी का दर्द :

इंग्लैंड के साका, सांचो और रशफोर्ड पेनाल्टी पर चूक गए थे, लेकिन सांचो व रशफोर्ड को अतिरिक्त समय के अंतिम क्षणों में स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में लाया गया था। ऐसा लगता है कि पेनाल्टी लेने की उनकी विशेषज्ञता के कारण यह फैसला किया गया था।

ल्यूक का गोल :

इंग्लैंड के लिए मैच की शुरुआत अच्छी रही और दूसरे मिनट में डिफेंडर ल्यूक शा ने टीम को 1-0 से आगे कर दिया। बाक्स के अंदर से ट्रिपर ने गेंद शा की तरफ भेजी और शा ने गेंद पर अच्छे से नियंत्रण करते हुए अपने बायें पैर से गेंद को गोल पोस्ट में पहुंचाकर टीम का मैच में खाता खोल दिया। पहले हाफ में मेजबान टीम 1-0 से आगे रही।

इटली की वापसी :

इसके बाद 67वें मिनट में इटली के लिए लियोनार्डो बोनुची ने गोलकीपर बाक्स में रिबाउंड पर गोल करके टीम की मैच में वापसी करा दी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.