डेनमार्क की निगाह ऑस्ट्रेलिया को हराकर नॉकआउट में जगह बनाने पर
डेनमार्क अब तक केवल तीन बार अंतिम-16 में पहुंचा है। उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 में रहा, जब उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था।
समारा, रायटर। फीफा विश्व कप के अंतिम-16 दौर में प्रवेश हासिल करने का लक्ष्य लेकर डेनमार्क की टीम गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ग्रुप सी के मुकाबले में मैदान पर उतरेगी। अपने पहले मैच में पेरू को 1-0 से हराकर विश्व कप का विजयी आगाज करने वाली डेनमार्क ग्रुप स्तर में फ्रांस के बाद दूसरे स्थान पर है। फ्रांस और डेनमार्क के बराबर अंक हैं। डेनमार्क केवल गोल स्तर के कारण पीछे है। ऐसे में अगर डेनमार्क की टीम ऑस्ट्रेलिया को हराने में कामयाब होती है, तो वह अंतिम-16 दौर में अपना स्थान लगभग पक्का लेगी।
डेनमार्क सिर्फ तीन बार पहुंचा अंतिम 16 में
डेनमार्क अब तक केवल तीन बार अंतिम-16 में पहुंचा है। उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1998 में रहा, जब उसने क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया था। ऑस्ट्रेलिया पर जीत हासिल कर वह चौथी बार अंतिम-16 में कदम रखेगी। पिछले मैच में डेनमार्क के डिफेंस ने अच्छा काम किया था। उसने पेरू को एक भी गोल दागने नहीं दिया। इसमें टीम के गोलकीपर कैस्पर इश्माइकल ने अहम भूमिका निभाई थी और अगले मैच में भी उसका डिफेंस इसी फॉर्म में नजर आने की उम्मीद है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया के लिए डेनमार्क के गोल पोस्ट तक पहुंचना उसी तरह मुश्किल होगा, जिस तरह पेरू के लिए रहा। ऑस्ट्रेलिया को अपने पहले मैच में फ्रांस से 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में उसका डिफेंस कमजोर नजर आ रहा था। ऑस्ट्रेलिया का डिफेंस गुरुवार के मैच में भी कमजोर रहा तो डनमार्क ऐसे मौकों को खराब नहीं करेगा।
ऑस्ट्रेलिया के लिए जीत जरुरी
ऑस्ट्रेलिया को अगर अंतिम-16 दौर में प्रवेश की उम्मीदें बरकरार रखनी है, तो उसे डेनमार्क के डिफेंस को भेद कर गोल स्कोर करने की रणनीति के साथ मैदान पर उतरना होगा।इस मैच में अगर ऑस्ट्रेलिया जीत हासिल करती है, तो उसके खाते में तीन अंक हो जाएंगे और वह भी डेनमार्क और फ्रांस की बराबरी पर आ जाएगी। इस मैच में कप्तान मिले जेडिनाक के अलावा अन्य खिलाडि़यों को भी अपने खेल में और भी तेजी लानी होगी। फ्रांस के खिलाफ अपने पिछले मैच से ऑस्ट्रेलिया काफी सबक सीखते हुए अगले मैच के लिए तैयारियों में सुधार कर सकती है। उसे डेनमार्क खामियों में अपने गोल के अवसरों को तलाश कर उन्हें भुनाना होगा, क्योंकि अंकों के साथ-साथ गोल का अंतर भी मायने रखता है।
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नंबर गेम-
03 बार डेनमार्क की टीम विश्व कप के इतिहास में ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ने में सफल हुई है।
19 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई फॉरवर्ड डेनियल अर्जानी विश्व कप 2018 में खेलने वाले सबसे युवा खिलाड़ी है।
05वीं बार विश्व कप में हिस्सा ले रही ऑस्ट्रेलियाई टीम एक बार ही ग्रुप स्टेज से आगे बढ़ी है।
2006 के सत्र में ऑस्ट्रेलिया अंतिम-16 तक पहुंचा था।
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