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कर्फ्यू में बंदूक के साए में प्रैक्टिस करता है 'कश्मीरी रोनाल्डो', कौन है ये फुटबॉलर

कश्मीर के इस फुटबॉलर को उनके साथी खिलाड़ी उनकी प्रतिभा की वजह से उन्हें रोनाल्डो कहकर पुकारते हैं।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 12 Oct 2018 04:26 PM (IST)Updated: Sat, 13 Oct 2018 09:46 AM (IST)
कर्फ्यू में बंदूक के साए में प्रैक्टिस करता है 'कश्मीरी रोनाल्डो', कौन है ये फुटबॉलर
कर्फ्यू में बंदूक के साए में प्रैक्टिस करता है 'कश्मीरी रोनाल्डो', कौन है ये फुटबॉलर

 नई दिल्ली, जेएनएन। दानिश फारूक वो दिन कभी नहीं भूल सकते जब वो श्रीनगर के टीआरसी टर्फ ग्राउंड पर प्रैक्टिस के लिए जा रहे थे और उन्हें सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स यानी सीआरपीएफ के कमांडो ने गिरफ्तार कर लिया था। दानिश ने अपनी बात रखी लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। हालांकि सीआरपीएफ के एक सीनियर अधिकारी जो जानते थे कि दानिश जम्मू-कश्मीर संतोष ट्रॉफी टीम के सदस्य थे उनकी पहल पर उन्हें छोड़ा गया। इस मामले पर 22 वर्षीय इस फुटबॉलर का कहना है कि वो उस सीनियर अधिकारी के शु्क्रगुजार हैं जिनके कहने पर उन्हें छोड़ दिया गया। वो संतोष ट्रॉफी के बारे में जानते थे और इस टूर्नामेंट में मैं जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व कर चुका था। ये दिन मेरे दिमाग में हमेशा घूमता रहता है। 

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दानिश इतने प्रतिभाशाली हैं कि उनके साथी खिलाड़ी उन्हें कश्मीर के रोनाल्डो कहते हैं। उन्हें रोनाल्डो ना सिर्फ उनके लुक और हेयरस्टाइल बल्कि उनके ड्रिबलिंग स्किल और गोल करने की क्षमता की वजह से भी कहा जाता है। दानिश एक अाक्रामक मिलफील्डर हैं और उनकी हाइट छह फुट एक इंच है। दानिश की पकड़ में जब एक बार गेंद आ जाती है तो वो अपना रोनाल्डो स्किल दिखाते हैं। दानिश का कहना है कि मेरे साथी खिलाड़ी मेरी ड्रिबलिंग क्षमता को काफी पसंद करते हैं और वो उसे क्रिस्टियानो स्किल कहते हैं। 

चार स्ट्राइक के साथ दानिश आइलीग सेकेंड डीविजन में रीयल कश्मीर एफसी के लिए संयुक्त तौर पर सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। रीयल कश्मीर आइलीग के टॉप डीविजन में आने वाले सीजन में डेब्यू करेगा। दानिश इस टीम के सबसे अहम खिलाड़ी हैं और उनके नाम के इर्द-गिर्द ये टीम घूमती है। दानिश ने अपनी प्रैक्टिस के बारे में कहा कि जिस तरह से दिल्ली में जाम होता है वैसे ही यहां कर्फ्यू होता है और ऐसे में क्वालिटी प्रैक्टिस कर पाना आसान नहीं होता। इन दिनों हर जगह कमांडो होते हैं और हर बंदूक के साए में अभ्यास करते हैं। इस माहौल में ना सिर्फ फुटबॉलर्स को बल्कि किसी भी प्रोफेशन से जुड़े व्यक्ति को दिक्कत होती है। अगर कहीं कर्फ्यू होता है तो हम दूसरे रास्ते का चुनाव करते हैं। अब हमें अच्छी तरह से पता हो गया है कि कर्फ्यू में हम किन रास्तों के मैदान तक पहुंच सकते हैं। हम मैदान पर किसी भी रास्ते से पहुंचे कभी भी अभ्यास सत्र मिस नहीं करते। रोनाल्डो के फैन दानिश आने वाले आइलीग सीजन केे जरिए दुनिया को दिखाना चाहते हैं कि कश्मीर में और भी बहुत कुछ है। 

कश्मीर में फुटबॉल को काफी पसंद किया जाता है और दानिश को लगता है कि ये खेल यहां के युवाओं की सोच में बदलाव ला सकता है। दानिश के पिता फारूक अहमद भट भी एक फुटबॉल खिलाड़ी थे और वो कोलकाता में मोहमडन स्पोर्टिंग क्लब के लिए खेल चुके हैं। 

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