यूएफा चैंपियंस लीग के खिताबी भिड़ंत में बायर्न म्यूनिख का सामना पीएसजी से
यूएफा चैंपियंस लीग के फाइनल में PSG को खिताब के लिए बायर्न म्यूनिख से भिड़ना होगा।
लिस्बन, एपी। पांच बार की चैंपियन बायर्न म्यूनिख 11वीं बार यूएफा चैंपियंस लीग के फाइनल में पहुंच गई। सेमीफाइनल मुकाबले में बायर्न ने फ्रेंच क्लब ल्योन को 3-0 से शिकस्त दी। अब फाइनल में उसका सामना पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) से होगा। पीएसजी ने पहले सेमीफाइनल में जर्मन क्लब आरबी लीप्जिग को 3-0 से हराया था।
बायर्न म्यूनिख ने पिछला खिताब 2013 में जीता था। तब उसने जर्मन क्लब बोरुसिया डॉर्टमंड को फाइनल में हराया था। बायर्न म्यूनिख की इस सत्र में यह लगातार 10वीं जीत है। इसके साथ ही उसने लीग के इतिहास में लगातार सबसे ज्यादा मैच जीतने के रीयल मैड्रिड के पांच साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी की। ल्योन के खिलाफ मुकाबले में बायर्न म्यूनिख ने शुरू से ही दबाव बनाया हुआ था। टीम को 18वें मिनट में इसका फायदा भी मिल गया।
सर्ज नाबरी ने गोल दागकर टीम को बढ़त दिला दी। इसके 15 मिनट बाद ही नाबरी ने दूसरा गोल कर दिया। इसके साथ ही वह चैंपियंस लीग के सेमीफाइनल में दो गोल करने वाले दूसरे जर्मन खिलाड़ी बने। उनसे पहले 2012-13 में उनकी टीम के ही साथी थॉमस मूलर ने बाíसलोना के खिलाफ सेमीफाइनल में दो गोल दागे थे। नाबरी इस सत्र में अब तक नौ गोल कर चुके हैं। हाफ टाइम तक यही स्कोर रहा।
दूसरे हाफ में भी बायर्न म्यूनिख ने आक्रामक फुटबॉल खेला और ल्योन के खिलाफ गोल करने के कई मौके बनाए। 88वें मिनट में रॉबर्ट लेवानदोवस्की ने बायर्न के लिए तीसरा गोल दागते हुए फाइनल में जगह पक्की कर दी। लेवानदोवस्की क्लब के इतिहास में लगातार नौ मैच में गोल करने वाले तीसरे खिलाड़ी बने। उनसे पहले 2003 में रूड वेन निस्टरलूई ने नौ और 2018 में रोनाल्डो ने लगातार 11 मैच में गोल किया था।
इस जीत के साथ ही बायर्न म्यूनिख चैंपियंस लीग के इतिहास में किसी एक सत्र में 40 या उससे ज्यादा गोल करने वाली चौथी टीम बन गई। इस सत्र में जर्मन क्लब के 42 गोल हो चुके हैं। इससे पहले बाíसलोना ने 1999-2000 सत्र में 45, रीयल मैड्रिड ने 2013-14 में 41 और 2017-18 में लिवरपूल ने भी इतने ही गोल किए थे।