तालिबान के डर से अफगान महिला फुटबाल खिलाड़ियों ने छोड़ा देश, इस जगह दी शरण
डान अखबार में बुधवार को छपी खबर के अनुसार राष्ट्रीय जूनियर बालिका टीम की इन खिलाडि़यों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कतर जाना था जहां अफगान शरणार्थियों को 2022 फीफा विश्व कप के एक स्टेडियम में रखा गया है।
इस्लामाबाद, पीटीआइ। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से ही रोज महिलाओं को लेकर नए फरमान जारी किए जा रहे हैं।खेलों और बाकी जगहों पर महिलाओं की भागेदारी पर पाबंदियां लगाई जा रही है। कुछ दिन पहले ही महिलाओं के क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगाने की खबर सामने आई थी जिसके बाद अब महिला फुटबाल टीम के अफगानिस्तान छोड़ने की जानकारी सामने आई है।
अफगानिस्तान में तालिबान का राज होने के बाद से महिलाओं में खौफ का माहौल है। खासतौर पर कामकाजी महिलाओं को धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। महिला खिलाड़ियों को भी धमकियों से जूझना पड़ रहा है। इन धमकियों से तंग आकर 32 महिला फुटबाल खिलाड़ियों ने देश छोड़ दिया। वे अपने परिवारों के साथ तोरखाम सीमा के रास्ते मंगलवार रात पाकिस्तान पहुंचीं। पाकिस्तान ने मानवीय आधार पर वीजा जारी किया था।
डान अखबार में बुधवार को छपी खबर के अनुसार, राष्ट्रीय जूनियर बालिका टीम की इन खिलाडि़यों को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत कतर जाना था, जहां अफगान शरणार्थियों को 2022 फीफा विश्व कप के एक स्टेडियम में रखा गया है। लेकिन ये अफगान महिला खिलाड़ी काबुल एयरपोर्ट पर गत 26 अगस्त को हुए बम धमाके के कारण देश से बाहर नहीं जा सकी थीं। इस बम धमाके में 13 अमेरिकी सैनिकों और 170 अफगान नागरिकों की मौत हो गई थी।
डान के मुताबिक, फुटबाल खेलने के कारण इन अफगान महिलाओं को तालिबान की धमकियों का सामना करना पड़ रहा था। गत अगस्त में अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के काबिज होने के बाद से ये महिला खिलाड़ी इस संगठन के लड़ाकों से जान बचाने के लिए छुपती फिर रही थीं।
इस एनजीओ ने की पहल
ब्रिटेन के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) फुटबाल फार पीस ने सरकार और पाकिस्तान फुटबाल महासंघ (पीएफएफ) की मदद से इन 32 महिला खिलाडि़यों को पाकिस्तान लाने की पहल की। इन खिलाडि़यों को लाहौर स्थित पीएफएफ मुख्यालय में रखा जाएगा। हालांकि पीएफएफ को फीफा से मान्यता प्राप्त नहीं है।