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Fact Check Story: उत्तर प्रदेश के भावनी बांध की नहीं है ये वायरल तस्वीर, गलत दावा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने बांध के फोटो को क्रॉप कर उसे गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान विश्वास न्यूज को वायरल तस्वीर से जुड़ी एक खबर Deccan Chronicle की वेबसाइट पर 3 मई 2015 को प्रकाशित मिली।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 25 Nov 2021 07:58 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 07:58 PM (IST)
Fact Check Story: उत्तर प्रदेश के भावनी बांध की नहीं है ये वायरल तस्वीर, गलत दावा हुआ सोशल मीडिया पर वायरल
वायरल तस्वीर असल में आंध्र प्रदेश में बने श्रीशैलम बांध की है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को ललितपुर में बने भावनी बांध परियोजना का लोकार्पण किया था। लोकार्पण के बाद से ही सोशल मीडिया पर एक बांध की तस्वीर तेजी से वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है कि वायरल तस्वीर उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड शहर में बने नए भावनी बांध की है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्‍ट की विस्‍तार से जांच की। जांच के दौरान विश्वास न्यूज ने पाया कि वायरल दावा गलत है। वायरल तस्वीर असल में आंध्र प्रदेश में बने श्रीशैलम बांध की है। जिसे अब गलत दावों के साथ शेयर किया जा रहा है।

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वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए विश्वास न्यूज ने बांध के फोटो को क्रॉप कर उसे गूगल रिवर्स इमेज के जरिए सर्च किया। इस दौरान विश्वास न्यूज को वायरल तस्वीर से जुड़ी एक खबर Deccan Chronicle की वेबसाइट पर 3 मई 2015 को प्रकाशित मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, वायरल फोटो आंध्र प्रदेश में कृष्णा नदी पर बने श्रीशैलम बांध की है। कृष्णा नदी महाराष्ट्र से बहती हुई आंध्र प्रदेश से गुजर कर बंगाल की खाड़ी में गिरती है।

पड़ताल के दौरान विश्वास न्यूज को वायरल तस्वीर तेलंगाना राज्य सड़क परिवहन निगम की वेबसाइट पर भी मिली। टूर पैकेज के सेक्शन में वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए इसे आंध्र प्रदेश में बने श्रीशैलम बांध का बताया गया है। सर्च के दौरान वायरल तस्वीर श्रीशैलम बांध की वेबसाइट पर भी मौजूद मिली।

अधिक जानकारी के लिए विश्वास न्यूज ने ललितपुर के रिपोर्टर संजीव बजाज से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि वायरल दावा गलत है। वायरल हो रही तस्वीर भावनी बांध की नहीं है। उन्होंने विश्वास न्यूज के साथ भावनी बांध की कुछ तस्वीरों को भी शेयर किया। जिसके बाद ये साफ होता है कि वायरल दावा गलत है।

इस पूरी पड़ताल को विश्वास न्यूज की वेबसाइट पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।


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