Fact Check Story: यह तस्वीर जर्मनी के गांव नहीं वरन एक डिजिटल इमेज है जो हो रही है वायरल
एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें फिंगरप्रिंट की तरह घर नज़र आ रहे हैं। इस फोटो को शेयर करते हुए यूजर दावा कर रहे थे कि यह जर्मनी के एक गांव की तस्वीर है। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज ने इसकी वास्तविकता की पड़ताल की...
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज ने पाया कि एक तस्वीर वायरल हो रही है, जो दिखने में उंगलियो के फिंगरप्रिंट की तरह है और उसमें घर जैसे नज़र आ रहे हैं। अब इस फोटो को शेयर करते हुए यूजर यह दावा कर रहे थे कि यह तस्वीर जर्मनी के एक गांव की है, जो फिंगरप्रिंट की तरह बनाया गया है। जब विश्वास न्यूज़ ने पड़ताल की तो पाया की यह तस्वीर किसी गांव की नहीं है बल्कि यह एक ग्राफ़िक के ज़रिये तैयार की गयी फोटो है।
इस तस्वीर की पड़ताल करते हुए विश्वास न्यूज़ ने सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज के ज़रिये इसे सर्च किया और सर्च में एक वेबसाइट पर यह फोटो मिली। यहां फोटो को अपलोड करते हुए ‘The human touch, 3d, YIPPIEHEY, digital art, illustration’ जैसे कीवर्ड का इस्तेमाल किया गया था।
विश्वास न्यूज़ ने YIPPIEHEY को इंस्टाग्राम पर खोजा और एक इंस्टाग्राम हैंडल मिला और वहां पर 12 फरवरी 2015 को अपलोड की गयी यही इमेज एक मैगजीन के कवर पर नज़र आई। पोस्ट को अपलोड करते हुए लिखा गया है, '‘Finally its out. The cover illustration I created for Modus magazine showing a fingerprint shaped city. Will publish the full project on my soon to be published all new website. Stay tuned. #3d #cgi #city #googelemaps #editorial’.
विश्वास न्यूज़ ने इस फोटो के क्रिएटर YIPPIEHEY से ट्विटर के ज़रिये संपर्क किया और उन्होंने बताया कि यह उनके द्वारा बनाई गयी सीजीआई यानी कम्प्यूटर जनरेटेड इमेज है। विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक स्टोरी को विस्तार से पढ़ने और झूठे दावे की पोल खोलने का स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस देखने के लिए यहां क्लिक करें- जर्मनी का फिंगरप्रिंट गांव नहीं