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Fact Check Story: किसी राजनीतिक दल ने नहीं, जियर शैक्षणिक ट्रस्ट ने कराया है हैदाराबाद में संत रामानुजाचार्य की मूर्ति का निर्माण

वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि इस मूर्ति का नाम स्टैचू ऑफ इक्वलिटी है और इसका निर्माण हैदराबाद में किया जा रहा है। सर्च में हमें कई न्यूज रिपोर्ट का लिंक मिला जिसमें इस मूर्ति के बारे में जानकारी दी गई है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 10 Jan 2022 06:57 PM (IST)Updated: Mon, 10 Jan 2022 07:01 PM (IST)
Fact Check Story: किसी राजनीतिक दल ने नहीं, जियर शैक्षणिक ट्रस्ट ने कराया है हैदाराबाद में संत रामानुजाचार्य की मूर्ति का निर्माण
गलत दावों को साथ वायरल किया जा रहा वीडियो

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि हैदराबाद के शम्साबाद में दुनिया की सबसे ऊंची हिंदू संत की मूर्ति का निर्माण किया गया है, जो कि असदुद्दीन ओवैसी का गढ़ माना जाता है। वायरल वीडियो को उत्तर प्रदेश चुनाव से जोड़कर वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि हिंदू संत की इस मूर्ति का निर्माण भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी ने कराया है।

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विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। वायरल वीडियो में नजर आ रही मूर्ति हैदराबाद में तैयार हो रही संत रामानुजाचार्य की मूर्ति है, जिसका निर्माण जियर एजुकेशनल ट्रस्ट करा रहा है और इस मूर्ति निर्माण का बीजेपी या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोई संबंध नहीं है। मूर्ति का निर्माण डोनेशन के जरिए जुटाई गई पूंजी से हुआ है, दो फरवरी को होने वाले उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अन्य मुख्यमंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है।

वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि इस मूर्ति का नाम स्टैचू ऑफ इक्वलिटी है और इसका निर्माण हैदराबाद में किया जा रहा है। सर्च में हमें कई न्यूज रिपोर्ट का लिंक मिला, जिसमें इस मूर्ति के बारे में जानकारी दी गई है।

टीवी9 गुजराती के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 18 सितंबर 2021 को अपलोड किए वीडियो बुलेटिन में इस मूर्ति की तस्वीरों को देखा जा सकता है।

दी गई जानकारी के मुताबिक, संत श्री रामानुजाचार्य स्वामी की सहस्त्राब्दी जयंती के मौके पर श्री चिन्ना जियर स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। इस मूर्ति का नाम 'स्टैचू ऑफ इक्वलिटी' रखा गया है। दक्षिण भारत के अन्य प्रमुख समाचार चैनलों के न्यूज बुलेटिन में इसका भी जिक्र है।

statueofequality.org की वेबसाइट पर दो फरवरी 2022 को होने वाले उद्घाटन समारोह की जानकारी दी गई है और इस निर्माण में सहयोग देने के लिए डोनेट या दान करने की भी अपील की गई है। वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों को ट्रस्ट की तरफ से आमंत्रित किया गया है।

ट्रस्ट की साइट पर मौजूद मीडिया इवेंट सेक्शन में हमें इस मूर्ति के निर्माण से संबंधित कई अलग-अलग भाषाओं में प्रकाशित खबरें मिलीं। जुलाई 2016 को इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के मुताबिक, '1000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना 75 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैली हुई और इसके लिए अब तक 50 करोड़ रुपये की रकम जुटाई जा चुकी है। ट्रस्ट ने दुनिया भर में फैले अपने श्रद्धालुओं से और अधिक डोनेशन देने की अपील की है।'

ट्रस्ट की वेबसाइट पर मौजूद वित्तीय दस्तावेज में में इस संग्रहालय के लिए मिले डोनेशन और समान मद में इसके खर्च का भी जिक्र है।

हमारी अब तक की पड़ताल से यह स्पष्ट है कि रामानुजाचार्य सहस्त्राब्दी समारोह के मौके पर हैदराबाद में निर्मित स्टैचू ऑफ इक्वलिटी का दो फरवरी 2022 को अनावरण किया जाएगा और इस संग्रहालय का निर्माण डोनेशन में मिली सहयोग राशि से किया गया है। इसके निर्माण में किसी भी पार्टी की कोई भूमिका नहीं है।

न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच फरवरी 2022 को इस मूर्ति का अनावरण करेंगे।' ट्रस्ट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक उद्घाटन समारोह की शुरुआत 2 फरवरी को होगी और इसका समापन 14 फरवरी 2022 को होगा।

विश्वास न्यूज की जांच से यह स्पष्ट है कि हैदराबाद में बनने वाले संत रामानुजाचार्य की मूर्ति (स्टैचू ऑफ इक्वलिटी) भागवद श्री रामानुजाचार्य को समर्पित है और इसका अनावरण फरवरी 2022 में किया जाना प्रस्तावित है। इस मूर्ति का निर्माण जियर एजुकेशनल ट्रस्ट ने किया है और इसके लिए आवश्यक पूंजी श्रद्धालुओं के डोनेशन से जुटाई गई है। इस मूर्ति के निर्माण में बीजेपी की कोई भूमिका नहीं है।

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में इस दावे की विस्तृत पड़ताल और जांच की प्रक्रिया के बारे में पढ़ा जा सकता है।


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