Fact Check Story : देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के खिलाफ फेक पोस्ट वायरल
देश के पहले प्रधानमंत्री को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक पोस्ट वायरल की जा रही है। इसमें जवाहर लाल नेहरू के हवाले से कहा गया कि उन्होंने कहा था कि मैं शिक्षा से मुस्लिम संस्कृति से ईसाई दुर्भाग्य से हिन्दू हूं।
नई दिल्ली, विश्वास न्यूज। देश के पहले प्रधानमंत्री को बदनाम करने के लिए सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर एक पोस्ट वायरल की जा रही है। इसमें जवाहर लाल नेहरू के हवाले से कहा गया कि उन्होंने कहा था कि मैं शिक्षा से मुस्लिम, संस्कृति से ईसाई, दुर्भाग्य से हिन्दू हूं।
फैक्ट चेकिंग वेबसाइट विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी ऐसी ही एक पोस्ट की जांच की थी। पड़ताल में पता चला कि जवाहर लाल नेहरू को बदनाम करने के लिए ऐसी फर्जी पोस्ट वायरल की जा रही है। उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था। विश्वास न्यूज ने पड़ताल के लिए सबसे पहले गूगल में सर्च किया। इसके लिए वायरल बयान से कुछ कीवर्ड टाइप करके गूगल में सर्च किया। हमें एक ट्वीट मिला। यह ट्वीट कांग्रेस के गौरव पांधी ने काफी पहले किया था। इस ट्वीट में दावा किया गया कि डेक्कन क्रॉनिकल ने 19 नवंबर 2018 को अखबार में नेहरू के नाम पर फर्जी बयान छापा। इसमें आगे बताया गया कि नेहरू के नाम पर वायरल बयान हिन्दू महासभा के तत्कालीन अध्यक्ष एनबी खरे ने दिया था। इसी ट्वीट में रिप्लाई में गौरव पांधी ने डेक्कन कॉनिकल की एक कटिंग को पोस्ट किया था। इसमें अखबार की ओर से नेहरू के नाम पर गलत बयान छापने के लिए माफी मांगी गई थी।
विश्वास न्यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए एनबी खरे के बारे में सर्च करना शुरू किया। कांग्रेस नेता शशि थरूर की किताब Nehru : The Invention of India में इस बात का जिक्र मिला कि नेहरू को लेकर वायरल बयान दरअसल हिंन्दू महासभा के नेता एनबी खरे ने दिया था।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए नेहरू मिथक और सत्य के लेखक पीयूष बबेले से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने कभी ऐसा कोई बयान नहीं दिया। यह फर्जी बयान है।
पूरी पड़ताल को यहां पढ़ें।