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Fact Check Story: जब अखिलेश यादव ने लगाई थी डाक्टर को फटकार, जातिवादी रंग देकर वायरल किया जा रहा वीडियो

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। अखिलेश यादव ने न तो डाक्टर का नाम पूछा और न ही कोई जातिवादी टिप्पणी की। 2020 में कन्नौज में बस हादसे में घायल मरीजों से अखिलेश यादव ने छिबरामऊ के अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 08:13 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 08:13 PM (IST)
Fact Check Story: जब अखिलेश यादव ने लगाई थी डाक्टर को फटकार, जातिवादी रंग देकर वायरल किया जा रहा वीडियो
अखिलेश यादव कन्नौज बस हादसे में घायलों से मिलने पहुंचे थे

नई दिल्ली, विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अस्पताल में किसी व्यक्ति को डांटते हुए नजर आ रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि अखिलेश यादव ने ब्राह्मण जाति की वजह से डाक्टर डीएस मिश्रा का अपमान करते हुए उन्हें फटकार लगाई।

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विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। अखिलेश यादव ने न तो डाक्टर का नाम पूछा और न ही कोई जातिवादी टिप्पणी की। 2020 में कन्नौज में बस हादसे में घायल मरीजों से अखिलेश यादव ने छिबरामऊ के अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी और उन्हें मिले मुआवजे के बारे पूछा था। इसी बातचीत के दौरान डाक्टर डीएस मिश्रा ने बीच में बोलना शुरू कर दिया था, जिसकी वजह से नाराज होकर अखिलेश यादव ने उन्हें फटकारते हुए बाहर जाने को कह दिया था। इसी पुरानी घटना के वीडियो को जातिवादी रंग देकर गलत दावे से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

वायरल वीडियो में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री को एक अस्पताल में मरीजों के बीच देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में उन्हें एक डाक्टर से यह कहते हुए सुना जा सकता है, 'इसलिए मत बोलो की तुम सरकार के आदमी हो...तुम सरकार का पक्ष नहीं ले सकते...बहुत छोटे अधिकारी हो...बहुत छोटे कर्मचारी हो। तुम आरएसएस के हो सकते हो...बीजेपी के हो सकते हो...तुम यह नहीं कह सकते तो कि वह क्या कह रहा है...एकदम दूर हो जाओ...एकदम हट जाइए यहां से...भाग जाइए यहां से..बाहर भागो यहां से।'

वीडियो को शेयर किए जाने के समय से यह भी प्रतीत हो रहा है कि यह हाल की किसी घटना का वीडियो है और यह भी दावा किया गया है कि अखिलेश यादव ने ब्राह्मण होने की वजह से डाक्टर का अपमान हुआ।

सर्च में हमें यह वीडियो कई पुरानी न्यूज रिपोर्ट्स में लगा मिला। 14 जनवरी 2020 को jagrantv.com की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में इस वीडियो का इस्तेमाल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 'उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कन्नौज के एक सरकारी अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद एक डाक्टर पर भड़कते हुए कैमरे में कैद हो गए। अखिलेश ने डाक्टर से ये तक कहा है कि, 'तुम मत बोलो, तुम सरकारी आदमी हो, तुम बीजेपी, आरएसएस के आदमी हो सकते हो। वीडियो में देखा जा सकता है कि अखिलेश यादव परिजनों से बात कर रहे हैं और तभी इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डीएस मिश्रा उनकी बातचीत के बीच में बोलते हैं तो अखिलेश भड़क उठते हैं।'

एक अन्य न्यूज वेबसाइट पर समान तारीख को प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, 'अखिलेश यादव कन्नौज बस हादसे में घायलों से मिलने पहुंचे थे। इस बीच जब एक घायल सरकार पर आरोप लगा रहा था तो डाक्टर सफाई देने लगे। जिस पर अखिलेश यादव इस कदर भड़के कि उसको सरकार और आरएसएस का आदमी कहकर भगाया।'

हमें न्यूज एजेंसी एएनआइ के ट्विटर हैंडल पर इस घटना का वीडियो और डाक्टर डीएस मिश्रा का बयान भी मिला, जिसमें उन्होंने बताया है कि वे अस्पताल में मौजूद थे, क्योंकि वह मरीजों का इलाज कर रहे थे। 'इस दौरान एक मरीज ने कहा कि उसे मुआवजे का चेक नहीं मिला है तो मैंने यह स्पष्ट करने की कोशिश की। इसी पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश जी भड़क गए और मुझे कमरे से बाहर जाने के लिए कह दिया।'

वायरल वीडियो में भी उन्हें यह कहते हुए साफ सुना जा सकता है, 'तुम सरकार के आदमी हो और सरकार का पक्ष नहीं ले सकते हो और यह बात नहीं कह सकते कि वह क्या कह रहा है।' पूरे वीडियो में उन्हें कहीं भी डाक्टर की जाति के बारे में पूछते हुए नहीं देखा या सुना जा सकता है और न ही उन्हें कोई जातीय टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश के कन्नौज में बस हादसे में घायल मरीजों से अखिलेश यादव की बातचीत की पुरानी घटना को गलत दावे के साथ जातिवादी रंग देकर वायरल किया जा रहा है। अखिलेश यादव 2020 में कन्नौज बस हादसे में घायलों से अस्पताल मिलने पहुंचे थे और इस दौरान जब एक मरीज सरकार पर आरोप लगा रहा था, तब डाक्टर ने बीच में सफाई देना शुरू कर दिया था। इसी वजह से अखिलेश यादव डाक्टर पर भड़क गए थे और उन्हें वहां से बाहर जाने को कह दिया था।

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक रिपोर्ट में इस दावे की विस्तृत पड़ताल और जांच की प्रक्रिया के बारे में यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।


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