Fact Check: फेक है स्टूडेंट्स के लिए फ्री लैपटॉप्स का मैसेज, लिंक पर क्लिक करके अपनी जानकारी मत दीजिए
सभी देशों के छात्रों को फ्री लैपटॉप स्कीम को कीवर्ड से सर्च करने पर हमें इस तरह की योजना से संबंधित कोई खबर नहीं मिली। इस बारे में विश्वास न्यूज ने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की। उनक कहना है यह मैसेज फेक है।
नई दिल्ली, विश्वास न्यूज। सोशल मीडिया पर 'फ्री लैपटॉप्स फॉर स्टूडेंट्स' का मैसेज काफी वायरल हो रहा है। इसमें दावा किया जा रहा है कि स्टूडेंट्स लैपटॉप स्कीम 2022 अब उपलब्ध है। यह सभी देशों में मान्य है। कमजोर आर्थिक स्थिति वाले छात्र और छात्राएं इस योजना में आवेदन कर सकते हैं। 2 लाख 45 हजार स्टूडेंट्स को 2021 में लैपटॉप मिल चुका है। 2022 में नौ लाख 60 हजार छात्र-छात्राओं को फ्री लैपटॉप दिए जाएंगे। स्टूडेंट्स को लैपटॉप दिए जाने लगे हैं। मैसेज के नीचे एक लिंक भी दिया गया है।
दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग वेबसाइट 'विश्वास न्यूज' ने पाया कि यह मैसेज फर्जी है। यूजर का डाटा इकट्ठा करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
वायरल मैसेज की पड़ताल के लिए सबसे पहले 'विश्वास न्यूज' ने दिए गए लिंक पर क्लिक किया। इससे एक वेबसाइट खुली, जिस पर केवल फॉर्म दिया गया था। फॉर्म में स्टूडेंट का पूरा नाम, एजुकेशनल लेवल, लैपटॉप का ब्रांड और उम्र की जानकारी भरने को कहा गया। सबसे अंत में एक क्वेश्चन पूछा गया। ये जानकारी भरने के बाद अगले स्टेप में दूसरा पेज खुला। इसमें फोन नंबर, घर का पता और जन्मतिथि जैसी पर्सनल जानकारियां मांगी गईं।
वेबसाइट में खास बात यह है कि इसमें न तो वेबसाइट की कोई जानकारी है और न ही कोई कॉन्टैक्ट नंबर। इसके यूआरएल में भी लैपटॉप की स्पेलिंग 'lapt0ps' लिखी हुई है मतलब 'ओ' की जगह 'जीरो' लगा हुआ है। पूरी वेबसाइट पर कहीं भी लैपटॉप देने वाली संस्था या सरकार का नाम नहीं है।
पहले भी फ्री लैपटॉप का एक और मैसेज वायरल हुआ था, जिसमें भारत सरकार की तरफ से फ्री लैपटॉप देने की बात कही गई थी। पीआईबी ने 17 जनवरी को किए गए ट्वीट में इसका खंडन किया था। साथ ही इस तरह की वेबसाइट पर अपनी जानकारी शेयर नहीं करने की सलाह भी दी गई थी।
सभी देशों के छात्रों को फ्री लैपटॉप स्कीम को कीवर्ड से सर्च करने पर हमें इस तरह की योजना से संबंधित कोई खबर नहीं मिली। इस बारे में 'विश्वास न्यूज' ने साइबर एक्सपर्ट अनुज अग्रवाल से बात की। उनक कहना है, यह मैसेज फेक है। अगर भारत सरकार की कोई वेबसाइट है तो वह nic.in और gov.in होगी। अगर सभी देशों के स्टूडेंट को कोई भी अंतरराष्ट्रीय संस्था लैपटॉप दे रही है तो उसका जिक्र होगा वेबसाइट पर। जो इसके लिए उत्तरदायी होगी। इसमें किसी भी संस्था का नाम नहीं दिया गया है, जो कि संदिग्ध है। अगर संस्था का जिक्र होगा तो हम उसकी वेबसाइट पर इस मैसेज की जांच की जा सकती है। दूसरी बात यह कि अगर किसी वेबसाइट पर अबाउट या कॉन्टैक्ट की डिटेल नहीं है तो वह फर्जी ही होगी। जेनुइन वेबसाइट पर ऐसी डिटेल दी जाती हैं। यह एक लॉटरी जैसी फ्रॉड मैसेज है, इस पर जाकर अपनी जानकारी मत दें। इससे आपका डाटा चोरी हो सकता है।
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