Fact Check Story: पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के मामले में 100 छात्राओं की डिग्री रद्द किए जाने का दावा झूठा और मनगढंत
Fact Check Story वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है बल्कि इसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर भी श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज की नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए क्रिकेट मैच के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की पढ़ाई करने वाली छात्राओं की है, जहां ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' का नारा लगाने वाली 100 छात्राओं की डिग्रिया रद्द कर दी गई हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा गलत निकला। न केवल वायरल पोस्ट में किया गया दावा गलत है, बल्कि इसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर भी श्रीनगर के मेडिकल कॉलेज की नहीं है। वायरल हो रही तस्वीर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की है, जिसे गलत दावे के साथ भ्रामक संदर्भ में वायरल किया जा रहा है।
वायरल पोस्ट में तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इसे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज का बताया गया है। गूगल रिवर्स इमेज सर्च में हमें यह तस्वीर bdc-tv.com की वेबसाइट पर 12 नवंबर 2017 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली। रिपोर्ट में दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के दाऊदपुर में स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज (सुबह की प्रार्थना के दौरान) की है। कई अन्य वेबसाइट पर हमें यह समान रिपोर्ट इसी तस्वीर और समान बाइलाइन के साथ प्रकाशित मिली, जिससे इसके आजमगढ़ स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज का होने की पुष्टि होती है।
अब तक की जांच से यह बात साबित होती है कि वायरल हो रही तस्वीर कश्मीर के किसी कॉलेज की नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की है। इसके बाद हमने वायरल पोस्ट में किए दावे की पड़ताल की। दावा किया गया है, ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' का नारा लगाने वाली श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की 100 छात्राओं की डिग्रियां रद्द कर दी गई हैं।
ऐसा होना अपने आप में एक बड़ी खबर होती, लेकिन न्यूज सर्च में हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जिसमें ऐसी किसी घटना का जिक्र हो। हालांकि, हमें ऐसी कई न्यूज रिपोर्ट्स जरूर मिलीं, जिसमें भारत के खिलाफ पाकिस्तान के मैच जीतने के बाद उसकी जीत का ''जश्न'' मनाते छात्रों का वीडियो सामने आने के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस की तरफ से यूएपीए के तहत दो एफआईआर दर्ज किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से लिखी गई द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 'संबंधित मामले में दो एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।'
कई अन्य रिपोर्ट्स में भी इसका जिक्र है। इस मामले में और अधिक जानकारी के लिए हमने हमारे सहयोगी दैनिक जागरण के कश्मीर के संवाददाता नवीन नवाज से संपर्क किया। उन्होंने कहा, 'जहां तक पुलिसिया कार्रवाई की बात है, तो इस मामले में उनकी तरफ से एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है। एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ हुई है और अभी तक मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।'
छात्रों की डिग्रियां रद्द किए जाने के दावे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'इसमें कोई सच्चाई नहीं है। पाकिस्तान की जीत का ''जश्न'' मनाते दिख रहे छात्रों के वीडियो के सामने आने के बाद कॉलेज की तरफ से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया गया था और यह रिपोर्ट जमा भी हो चुकी है। हालांकि, इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है और न ही कोई कार्रवाई की गई है। ऐसे में 100 छात्राओं की डिग्रियां रद्द किए जाने का दावा बेबुनियाद और तथ्यों से परे है।'
हमारी पड़ताल से यह बात साबित होती है कि पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाने के मामले में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की 100 छात्राओं की डिग्री रद्द किए जाने का दावा बेबुनियाद और मनगढ़ंत है। इस दावे के साथ साझा की जा रही तस्वीर भी श्रीनगर के किसी कॉलेज की नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ स्थित फातिमा गर्ल्स इंटर कॉलेज की है।