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Fact Check Story: यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के चारमा गुफा की नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की अबोरिजिनल रॉक आर्ट की है

सोशल मीडिया पर एक राक आर्ट की फोटो वायरल हो रही है जिसमें कुछ जीव-जंतु जैसी चीज़ों को बने हुए देखा जा सकता है। फोटो को शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर दावा कर रहे हैं कि यह छत्तीसगढ़ के चारामा में पायी गयी।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 22 Sep 2021 07:34 AM (IST)Updated: Wed, 22 Sep 2021 07:34 AM (IST)
Fact Check Story: यह तस्वीर छत्तीसगढ़ के चारमा गुफा की नहीं, बल्कि ऑस्ट्रेलिया की अबोरिजिनल रॉक आर्ट की है
आस्ट्रेलिया की अबोरिजिनल राक आर्ट की तस्वीर छत्तीसगढ़ के चारमा गुफा के नाम पर वायरस हो रही है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर अक्सर विचित्र और फर्जी पोस्ट वायरल हो जाती हैं। इतना ही नहीं, लोग उन्हें सच समझते हुए शेयर करना शुरू कर देते हैं। इसी कड़ी में दैनिक जागरण की फैक्ट चेकिंग टीम विश्वास न्यूज़ ने देखा कि एक राक आर्ट यानी पत्त्थरों पर बानी हुई कलाकृतियों की तस्वीर वायरल हो रही है और इसे शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर मौजूद यूजर यह दावा कर रहे हैं कि यह यूएफओ और एलियंस की राक आर्ट फोटो है, जो 10 हज़ार साल पुरानी है और छत्तीसगढ़ के चारामा गुफा में पाई गयी है। जब विश्वास टीम ने इस पोस्ट और इसके साथ किये जा रहे दावे की पड़ताल की तो पता चला की यह एक भ्रामक खबर है, जिसे फैलाया जा रहा है। असल में यह अबोरिजिनल राक आर्ट ऑस्ट्रेलिया की फोटो है।

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वायरल तस्वीर से जुडी हकीकत जानने के लिए हमने गूगल रिवर्स इमेज का सहारा लिया और वायरल फोटो हमें अमेजन की वेबसाइट पर मिली। यहां फोटो के साथ कुछ डिस्क्रिप्शन दिए गए थे उन्ही में एक लिखा हुआ था,'Australian Aboriginal Art'.

विश्वास न्यूज ने जब ओपन सर्च किया तो यह तस्वीर campertrailerlifestyle और आस्ट्रेलिया सरकार की नेशनल पार्क की आफिशियल वेबसाइट पर यह तस्वीर मिली। यहां तस्वीर के साथ दी गयी जानकारी के मुताबिक, 'यह आस्ट्रेलिया के काकाडु नेशनल पार्क के नौरलांजी राक आर्ट साइट की तस्वीर है।

फोटो की पड़ताल से यह पता चल गया था कि यह तस्वीर आस्ट्रेलिया की है। विश्वास न्यूज़ के गूगल ओपन सर्च किये जाने पर दा स्टेट्समैन की एक 2018 की खबर लगी जिसमें बताया गया कि छत्तीसगढ़ के कांकेर में मैजूद गुफाओं में 10,000 साल पुराने रॉक पेंटिंग की खोज की गई है। हालाँकि, वायरल और इस खबर में लगी हुई राक पेंटिंग दोनों ही अलग अलग नजर आईं।

पोस्ट से जुड़ी पुष्टि के लिए विश्वास न्यूज ने नईदुनिया के कांकेर के रिपोर्टर वेद प्रकाश मिश्रा से संपर्क किया और उन्होंने बताया कि कांकेर जिले के ही अंतर्गत चारामा आता है और कांकेर पहाड़ों से घिरा हुआ इलाका है। यहां अक्सर राक आर्ट मिलते रहते हैं, लेकिन जो तस्वीर वायरल हो रही है यह यहां की नहीं है।

विश्वास न्यूज की इस फैक्ट चेक स्टोरी को विस्तार से पढ़ने और झूठे दावे की पोल खोलने का स्टेप बाय स्टेप प्रासेस देखने के लिए यहां क्लिक करें।


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