जुलाई में 69 हजार शिक्षक देने की तैयारी, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ बड़ी बेंच में अपील जल्द
कोर्ट के आदेश से शासन व विभाग के अफसर सहमत नहीं हैैं उनका कहना है कि इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी लिखित परीक्षा उत्तीर्ण हो जाएंगे लेकिन उनमें से नौकरी सिर्फ 69 हजार को मिलेगी।
प्रयागराज, जेएनएन। परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार शिक्षक भर्ती करीब तीन माह तक कटऑफ अंकों के विवाद में रही। हाईकोर्ट ने इस मामले में शासन की नहीं सुनी और फैसला सुना दिया है। अब एकल पीठ के फैसले को बड़ी बेंच में चुनौती देने की तैयारी है। संकेत हैं कि जल्द ही यह प्रकरण फिर न्यायालय की चौखट पर होगा। विभाग इस मामले में तेजी इसलिए दिखा रहा है कि जुलाई में प्राथमिक स्कूलों को भर्ती के शिक्षक मुहैया कराए जा सकें।
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया एक दिसंबर 2018 को शुरू हुई। इसकी लिखित परीक्षा छह जनवरी को कराकर अगले ही दिन कटऑफ अंक जारी हुए। शासन ने पदों के सापेक्ष अभ्यर्थियों की अधिक तादाद को देखते कटऑफ तय किया था। इससे अभ्यर्थियों का एक पक्ष नाखुश हुआ और उसे इलाहाबाद हाईकोर्ट व लखनऊ खंडपीठ में चुनौती दिया गया।
कोर्ट ने पिछले माह इसका निस्तारण कर दिया है, 68500 शिक्षक भर्ती के कटऑफ अंक पर नियुक्ति तीन माह में पूरी करने के निर्देश हुए हैं। कोर्ट के आदेश से शासन व विभाग के अफसर सहमत नहीं है, उनका कहना है कि इससे बड़ी संख्या में अभ्यर्थी लिखित परीक्षा उत्तीर्ण हो जाएंगे लेकिन, उनमें से नौकरी सिर्फ 69 हजार को मिलेगी। सफल व अचयनित अभ्यर्थी आगे परेशानी पैदा करेंगे इसलिए कटऑफ गिराने की जरूरत नहीं है।
इस भर्ती में लिखित परीक्षा की संशोधित उत्तर कुंजी और परीक्षा का परिणाम अभी जारी नहीं हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी विभाग इस प्रकरण को ठंडे बस्ते में डाले है। वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद बड़ी बेंच में फैसले को चुनौती देने की तैयारी में जुटा है। अफसरों के अनुसार बड़ी बेंच से फैसला आने के बाद रिजल्ट देने के साथ ही भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
ग्रीष्मावकाश के पहले हो सकता है निर्णय
हाईकोर्ट में जून में ग्रीष्मावकाश होता है। बेसिक शिक्षा विभाग उसके पहले ही विवाद का समाधान पाना चाहता है। वजह यह भी है कि एकल पीठ ने तीन माह में नियुक्ति देने का निर्देश दिया है, वह समय सीमा भी जून में पूरी हो रही है यदि समय रहते शासन बड़ी बेंच में नहीं गया तो उसे एकल पीठ के निर्णय पर भर्ती पूरी करानी होगी।