Taapsee Pannu को 'क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स' देख याद आया थप्पड़ का डायलॉग- No Means No
अनुभव सिन्हा निर्देशित थप्पड़ में तापसी पन्नू के किरदार के ज़रिए डोमेस्टिक वायोलेंस और सहमति का सवाल उठाया गया था और डोमेस्टिक वायोलेंस के ख़िलाफ़ तगड़ा संदेश देती है। इस सीरीज़ के ज़रिए शादीशुदा महिलाओं की स्थिति और अधिकारों को लेकर अहम सवाल उठाये गये हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज़ हुई क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स डोमेस्टिक एब्यूज़ के संवेदनशील मुद्दे को रेखांकित करती है। इस सीरीज़ के ज़रिए शादीशुदा महिलाओं की स्थिति और अधिकारों को लेकर अहम सवाल उठाये गये हैं। थप्पड़ में कुछ ऐसा ही किरदार निभाने वाली तापसी पन्नू ने एक वीडियो के ज़रिए इस मुद्दे पर बात रखी।
तापसी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वो कहती हैं- यह शो समस्याओं को संवेदनशील तरीके और समझदारी से उठाता है और यह शो उस समय आया है, जब लॉकडाऊन के दौरान महिलाओं के घरेलू शोषण के मामलों में वृद्धि हुई। मेरा मानना है कि नहीं मतलब नहीं। चाहे आप शादी शुदा हैं या नहीं, सहमति सबसे जरूरी है। मुझे उम्मीद है कि यह शो महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ाएगा ताकि वो इस तरह के अपराध के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा सकें और समाज के दबाव के चलते चुप्पी ना साध लें।'' वीडियो के साथ तापसी ने लिखा- नो मीन्स नो। शादी के बाद भी... बता दें, अनुभव सिन्हा निर्देशित थप्पड़ में तापसी पन्नू के किरदार के ज़रिए डोमेस्टिक वायोलेंस और सहमति का सवाल उठाया गया था और डोमेस्टिक वायोलेंस के ख़िलाफ़ तगड़ा संदेश देती है।
क्रिमिनल जस्टिस- बिहाइंड क्लोज़्ड डोर्स अनुराधा चंद्रा (कीर्ति कुल्हरी) की कहानी है, जिसने कबूल किया है कि उसने अपने पति बिक्रम (जिशु सेनगुप्ता) को चाकू मारा। यह शुरू में ओपन-एंड-शट केस मालूम होता है, लेकिन वकील माधव मिश्रा (पंकज त्रिपाठी) और निखत हुसैन (अनुप्रिया गोयनका) का मानना है कि इसमें ऐसा भी कुछ है, जो दिखाई नहीं दे रहा। जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, विवाहेत्तर शोषण का खुलासा होता। शो की अन्य कास्ट में दीप्ति नवल, मीता वशिष्ठ, आशीष विद्यार्थी, जिशु सेनगुप्ता, शिल्पा शुक्ला जैसे कलाकार विभिन्न भूमिकाओं में नज़र आ रहे हैं। इसकी कहानी अपूर्वा असरानी ने लिखी है।