सुष्मिता सेन को 'आर्या' के परफेक्ट लुक के लिए गुजरना पड़ा था 30 से अधिक लुक टेस्ट से
एक्टिंग दूर रहीं सुष्मिता सेन ने इस सीरीज के साथ दमदार वापसी की है। आर्या एक क्राइम ड्रामा है जिसे कुल 9 एपिसोड में दिखाने की कोशिश की गई है। हर एक एपिसोड करीब 50 मिनट का है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आरएमएफ (राम माधवानी फिल्म्स) के साथ हॉटस्टार स्पेशल्स 'आर्या' रिलीज हो चुकी है। राम माधवानी फिल्म्स के साथ हॉटस्टार स्पेशल्स वेब सीरीज 'आर्या' ने दर्शकों के दिलों में एक अलग जगह भी बना ली है। इस वेब सीरीज से सुष्मिता सेन ने डिजिटल डेब्यू किया है और ये कहना गलत नहीं होगा कि उनकी च्वाइस कमाल की है। बीते कुछ समय से एक्टिंग दूर रहीं सुष्मिता सेन ने इस सीरीज के साथ दमदार वापसी की है। आर्या एक क्राइम ड्रामा है जिसे कुल 9 एपिसोड में दिखाने की कोशिश की गई है। हर एक एपिसोड करीब 50 मिनट का है। क्या आप जानते हैं कि 'आर्या' का परफेक्ट लुक पाने के लिए सुष्मिता सेन को 30 नए लुक टेस्ट से गुजरना पड़ा और इसके लिए उन्होंने अपनी स्टाइलिस्ट के साथ काफी करीब से काम किया।
'आर्या' में अपने लुक को लेकर सुष्मिता सेन कहती हैं, 'मुझे 'आर्या' के लिए 30 से ज्यादा लुक टेस्ट देने पड़े। शो में हमारी स्टाइलिस्ट, जिसने सभी के लिए लुक तैयार किए, 'आर्या' के लिए विशेष लुक चाहती थी और आप शो में जो लुक देखेंगे, उसे फाइनल करने के लिए मुझे 30 लुक्स से गुजरना पड़ा। मैं आर्या के लिए कई लुक टेस्ट देने को तैयार थी और अंत में राम को मुझमे 'आर्या' मिल गई।'
इस शो में सुष्मिता सेन, चंद्रचूड़ सिंह जैसे कलाकारों के साथ ही नमित दास, सिंकदर खेर, जयंत कृपलानी, सोहेला कपूर, सुगंधा गर्ग, माया सरीन, विश्वजीत प्रधान और मनीष चौधरी जैसे होनहार कलाकारों मुख्य किरदारों में नजर आ आ रहे हैंं। राम माधवानी, संदीप मोदी और विनोद रावत द्वारा निर्देशित आर्या लोकप्रिय डच क्राइम-ड्रामा पेनोज़ा का आधिकारिक रूपांतरण है। हॉटस्टार स्पेशल्स आर्या के ट्रेलर लॉन्च को देश भर में प्रशंसकों और हस्तियों की खूब सारी वाहवाही मिली है।
हॉटस्टार स्पेशल्स शो 'आर्या' की शुरुआत एक प्यारी सी पत्नी और काफी ख्याल रखने वाली मां (आर्या) के साथ होती है। गैरकानूनी नशीले पदार्थों के पारिवारिक धंधे में शामिल होने की उसकी इच्छा नहीं है, लेकिन अचानक ही उसकी जिंदगी उलट जाती है। उसके परिवार को धमकी दी जाती है और उन्हें बचाने के लिए उसे मजबूरन वही बनना पड़ता है, जिससे वह हमेशा बचती आई थी। उसे महसूस होता है कि अपराधियों से अपने परिवार को बचाने के लिए उसे खुद मुजरिम बनना होगा।