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Mirzapur 2 के विवाद पर बोले पंकज त्रिपाठी उर्फ ‘कालीन भइया’, ‘अगर वहां क्रिमिनल्स हैं तो रमाकांत पंडित भी हैं’

हाल ही में अमेज़न प्राइम पर मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज़ ‘मिर्ज़ापुर 2’ रिलीज़ हुई है। ‘मिर्जापुर’ की अपार सफलता के बाद 23 अक्टूबर को इसका दूसरा पार्ट रिलीज़ किया गाय है। दूसरे पार्ट को लेकर फैंस का मिलाजुला रिस्पॉन्स सामने आ रहा है।

By Nazneen AhmedEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 05:08 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 05:14 PM (IST)
Mirzapur 2 के विवाद पर बोले पंकज त्रिपाठी उर्फ ‘कालीन भइया’, ‘अगर वहां क्रिमिनल्स हैं तो रमाकांत पंडित भी हैं’
Photo Credit - Yeh Hai Mirzapur Instagram Account

नई दिल्ली, जेएनएन। हाल ही में अमेज़न प्राइम पर मोस्ट अवेटेड वेब सीरीज़ ‘मिर्ज़ापुर 2’ रिलीज़ हुई है। ‘मिर्जापुर’ की अपार सफलता के बाद 23 अक्टूबर को इसका दूसरा पार्ट रिलीज़ किया गया है। दूसरे पार्ट को लेकर फैंस का मिलाजुला रिस्पॉन्स सामने आ रहा है। ‘मिर्जापुर’ एक ऐसी क्राइम सीरीज़ है जिसमें काफी ख़ून खराबा और गाली-गलौच दिखाया गया है। इस वजह से इस सीरीज़ पर आपत्ति भी जताई जा रही है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर लोकसभा क्षेत्र की सांसद अनुप्रिया पटेल ने मेकर्स पर आरोप लगाया है कि सीरीज़ की वजह से उनके शहर की छवि खराब हुई है। अनुप्रिया पटेल ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को टैग करते हुए एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने वेब सीरीज पर सेंसरशिप लगाने की मांग की।

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इस विवाद पर मिर्जापुर के मेकर्स का बयान भी आ चुका है उनका कहना है कि ये सिर्फ एक काल्पनिक कहानी है। हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देना चाहते। वहीं अब इस मामले पर मिर्जापुर के कालीन भइया यानी पंकज त्रिपाठी का भी बयान सामने आया है। डीएनए से बातचीत में पंकज ने कहा, ‘हर एपिसोड से पहले एक डिस्क्लेमर जारी किया गया है जिसमें बताया है कि मिर्जापुर की कहानी एक काल्पनिक कहानी है। इस कहानी का किसी भी स्थान या व्यक्ति से कोई लेना देना नहीं है। इसके अलावा अगर ‘मिर्जापुर’ सीरीज़ में क्रिमिनल्स हैं तो उसमें एक हीरो भी हैं जिनका नाम है रमाकांत पंडित (Rajesh Tailang) जो शहर में  हिंसा खत्म कर के कुछ अच्छा करना चाहते हैं। मिर्जापुर में महिलाओं को भी बहुत स्ट्रॉन्ग दिखाया गया है वो अपनी ज़िंदगी अपनी शर्तों पर जीती हैं। इससे ज्यादा न मैं कुछ कह सकता न मैं कहना चाहूंगा’।

इससे पहले मिर्जापुर के निर्देशक गुरमीत ने दैनिक जागरण डॉट काम से बातचीत के दौरान कहा था 'मेरे हिसाब से व्यूज़ के लिए सब लोग ओपेन हैं। हमारे देश में होना भी चाहिए। जैसा लोगों को ठीक लगे, उस पर बातचीत भी करनी चाहिए। बाकि हम लोगों ने ईमानदारी से एक काल्पनिक कहानी कहने की कोशिश की है। जोकि एंटरटेनिग है और पल्पी है। ना तो हम यह हिंसा को प्रोपेगेट करना चाहते हैं। वैसे लोकत्रंत में बातचीत होनी चाहिए। ये सही है।'

 

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