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हॉलीवुड फ़िल्म 'लेगेसी ऑफ़ लाइज़' के डब वर्ज़न को सिनेमाघरों में रिलीज़ करेगा यह ओटीटी प्लेटफॉर्म

Agent MI 6 लेगेसी ऑफ़ लाइज़ हिंदी समेत विभिन्न भाषाओं में एजेंट एमआई 6 के नाम से रिलीज़ होगी। इसके बाद ब्रुस विलिस की फ़िल्म एंटीलाइफ़ को हिंदी और दक्षिण भारतीय भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा।

By Manoj VashisthEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 09:21 PM (IST)
हॉलीवुड फ़िल्म 'लेगेसी ऑफ़ लाइज़' के डब वर्ज़न को सिनेमाघरों में रिलीज़ करेगा यह ओटीटी प्लेटफॉर्म
Legacy of lies was released in 2020. Photo- screenshot/youtube

नई दिल्ली, जेएनएन। सिनेमाघरों में फ़िल्मों की रिलीज़ की शुरुआत तो हो गयी, मगर 2020 में भारतीय फ़िल्मों के सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर रिलीज़ करने की परम्परा शुरू होने के बाद कुछ नये मुद्दे उठने लगे हैं। मसलन, फ़िल्म के सिनेमाघरों में रिलीज़ के बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने के बीच कितना फ़ासला रखा जाए, यह फ़िलहाल बहस का विषय बना हुआ है। ऐसे में हैदराबाद के ओटीटी प्लेटफॉर्म नेट 5 ने फ़िल्मों को सिनेमाघरों में विभिन्न भाषाओं में रिलीज़ करने का फ़ैसला किया है।

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शुरुआत स्कॉट एडकिंस की हॉलीवुड फ़िल्म लेगेसी ऑफ़ लाइज़, जिसका डब वर्ज़न 19 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा। लेगेसी ऑफ़ लाइज़ 2020 की फ़िल्म है। इसके बाद ओटीटी प्लेटफॉर्म नेट 5 पर आएगी। नेट 5 के सीओओ बलवंत सिंह इसके पीछे तर्क देते हैं- छोटे कस्बों या बी और सी सेंटर्स में कितने लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर जाकर फ़िल्में देखते हैं? यू-ट्यूब को छोड़कर, उनके पास अधिकतर ओटीटी ऐप्स की एक्सेस नहीं है। इसलिए हमें लगता है कि इस बिज़नेस मॉडल को भुनाया जा सकता है। अगर कोई फ़िल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ की जाएगी तो वो अधिक लोगों तक पहुंचेगी। 

लेगेसी ऑफ़ लाइज़ हिंदी समेत विभिन्न भाषाओं में एजेंट एमआई 6 के नाम से रिलीज़ होगी। इसके बाद ब्रुस विलिस की फ़िल्म एंटीलाइफ़ को हिंदी और दक्षिण भारतीय भाषाओं में सिनेमाघरों में रिलीज़ किया जाएगा। बलवंत सिंह ने आगे कहा कि जिन अंग्रेज़ी या विदेशी फ़िल्मों के अधिकार उनके पास हैं, उन सभी को डब करके रिलीज़ नहीं किया जाएगा। फ़िल्मों की व्यावसायिक क्षमता के हिसाब के बड़े पर्दे पर उतारा जाएगा। मसलन, 8119 माइल्स जैसी स्वतंत्र फ़िल्म का प्रीमियर हमने सिर्फ़ नेट 5 पर ही किया है। 

सिंह ने कहा कि भारत में 7500 स्क्रींस हैं, जबकि यहां 40 हज़ार स्क्रींस की क्षमता है। यहां की आबादी और लोगों में सिनेमा के लिए जज़्बे को देखते हुए फ़िल्में पहले दिन ही 100 करोड़ का कारोबार कर सकती हैं। चीन की मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि आज हॉलीवुड सिनेमा भी काफ़ी हद तक चीन पर निर्भर है। हमें भी बिज़नेस में यही जगह हासिल करने के बारे में सोचना चाहिए।


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