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Coronavirus Lockdown Watch: पांच ऐसी शॉर्ट फ़िल्में, जिनमें मिलेगा खाने का स्वाद

शार्ट फिल्म में खाने के यह फ्यूज़न आप सब्सक्रिप्शन के बिना यूट्यूब पर देख सकते हैं। कुछ ऐसी शार्ट फिल्म्स जिनके नाम खाने पर आधारित हैं।

By Rajat SinghEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 08:20 AM (IST)
Coronavirus Lockdown Watch: पांच ऐसी शॉर्ट फ़िल्में, जिनमें मिलेगा खाने का स्वाद
Coronavirus Lockdown Watch: पांच ऐसी शॉर्ट फ़िल्में, जिनमें मिलेगा खाने का स्वाद

नई दिल्ली, जेएनएन। कोरोना के चलते सभी अपने घरों में बंद हैं। इस क्वारंटाइन में कई लोग अपनी क्रिएटिविटी पर काम कर रहे हैं। ऑफिस के काम के चलते हमारी हॉबीज़ कहीं न कहीं छूट ही जाती हैं। चाहे वो खाना बनाना हो, आर्ट, बुक रीडिंग या राइटिंग हम सब की कोई न कोई हॉबी जरूर होती है। ऐसे ही कुछ लोगों को फ़िल्में देखना पसंद है। 

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रेगुलर मूवीज से हटकर शॉर्ट फिल्मों का बोलबाला बढ़ता जा रहा है। लोगों को कम टाइम में ज्यादा कंटेंट की आदत होने लगी है। शॉर्ट फिल्म्स ठीक इसी उम्मीद पर खरी उतरती हैं। अक्सर लोग फ्यूज़न की तलाश में होते हैं। फ्यूज़न खाने में हो या एंटरटेनमेंट में, मजा दोनों में आता है। शॉर्ट फिल्म में खाने के यह फ्यूज़न आप सब्सक्रिप्शन के बिना यूट्यूब पर देख सकते हैं। कुछ ऐसी शार्ट फिल्म्स जिनके नाम खाने पर आधारित हैं।  

खीर

बढ़ती उम्र के साथ इंसान अकेला महसूस करने लगता है। रिश्तों को लेकर समझदारी बढ़ जाती है। अनुपम खेर, नताशा रस्तोगी स्टारर इस फिल्म  को  सूर्य बालकृष्णन ने निर्देशित किया है। खीर की कहानी में कुछ ऐसे राज़ हैं, जो राज रहने की वजह दो बनकर बट जाते हैं। 

बेसन के लड्डू 

श्वेता त्रिपाठी स्टारर इस फिल्म में कहानी निशा नाम की लड़की के इर्द गिर्द घूमती है। निशा की शादी हाल ही में साराभाई परिवार में होती हैं। दिवाली की पार्टी के लिए कुछ मेहमान आने वाले हैं। निशा को डर होता है की क्या वो सारी तैयारियां साराभाई परिवार की तरह कर पाएगी ? लेकिन विक्रांत उसको नसीहत में उसकी नई पहचान बनाने की वजह जैसी वो है वैसी ही रहने की सलाह देता है। यह फिल्म आठ मिनट तीस सेकंड की है।  

चटनी 

टिस्का चोपड़ा स्टारर इस फिल्म में सस्पेंस भरपूर है। कुछ मीठी और बहुत तीखी इस कहानी में हाई-एंड लिविंग को भी दिखाया गया है। इस मूवी का टाइम 16 मिनट 50 सेकंड है।  

कांदे पोहे 

शुभम योगी निर्देशित इस मूवी में महाराष्ट्र के पारंपरिक स्नैक पर कहानी बुनी गई है। महाराष्ट्र में जब एक लड़का लड़की के घर रिश्ता लेकर जाता है, तो आम तौर पर कांदा पोहा बनाया जाता है। उस दिन को 'कांदे पोहे च कार्यक्रम' भी बोलते हैं। मनीषा और संजय के कांदे पोहे च कार्यक्रम में क्या होता है यह देखना बहुत मजेदार है। यह शॉर्ट फिल्म 10 मिनट 22 सेकंड की है।   

केवड़ा

एक युवा अपनी दादी से मिलने के लिए नियमित मासिक यात्रा पर आता है। याद आते ही चीजें एक अप्रत्याशित मोड़ ले लेती हैं। यह एक मराठी फिल्म है जोकि 25 मिनट 17 सेकंड की है।


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